NEW DELHI. त्योहारों से पहले प्याज के बढ़ते रेट के बीच आम जनता के राहत भरी खबर है। दिवाली से पहले प्याज की कीमतों को कम करने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। महाराष्ट्र के लासलगांव स्टेशन से सस्ती प्याज का भंडार लेकर 'कांदा एक्सप्रेस' दिल्ली पहुंच चुकी है। कांदा एक्सप्रेस नाम की 42 डिब्बों की विशेष ट्रेन 1600 टन प्याज लेकर दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पहुंची है। अगर इस भंडार को देखें तो इसमें 52 ट्रकों के बराबर प्याज आती है।
35 रुपए किलो मिलेगी प्याज
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और इसके आसपास के मार्केट में रोजाना 2500 से 2600 टन प्याज की आपूर्ति की जाएगी। यह प्याज लोगों को बाजार में 35 रुपए प्रति किलो के भाव से मिलेगी। इस समय दिल्ली में प्याज का रेट 75 रुपए किलो से ज्यादा है।
प्याज का रेट करने के लिए सरकार का बड़ा कदम
दरअसल, त्योहारों के सीजन में लोगों को सस्ते में प्याज मिल सके, इसके लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की जा रही है। इस कांदा एक्सप्रेस के स्टॉक को दिल्ली और आसपास के इलाकों में भेजा जाएगा जहां प्याज 75-80 रुपए किलो तक बिक रही हैं। यह पहली बार हुआ है जब एक स्पेशल ट्रेन प्याज लेकर दिल्ली पहुंची हो, सरकार ने यह कदम बढ़ती प्याज की कीमतों को कम करने को लेकर उठाया है। त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार ने आम लोगों की सुविधा को ध्यान रखते हुए यह व्यवस्था बनाई है।
महाराष्ट्र से दिल्ली पहुंची इस कांदा एक्सप्रेस के अतिरिक्त केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने भी देश के अन्य हिस्सों में सस्ती प्याज पहुंचाने के लिए NCCF और NAFED वैन के जरिए पहल की है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने X पोस्ट के जरिए उन जगहों की जानकारी दी है, साथ ही बताया है कि किन स्थानों पर सस्ती प्याज मिल रही है।
दूसरे राज्यों में प्याज पहुंचाने की तैयारी
बता दें कि पिछले दिनों उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया था कि दिल्ली की तरह ही यह प्याज पहुंचाने की व्यवस्था दूसरे राज्यों में भी जाएगी। हमारा फोकस लखनऊ, वाराणसी और असम, नागालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों तक विस्तार करने का है। निधि खरे ने बताया कि नुकसान को कम करने के लिए सरकार सीलबंद कंटेनर परिवहन के लिए लॉजिस्टिक कंपनी कॉनकॉर्ड के साथ चर्चा कर रही है।
सचिव निधि खरे ने कहा कि यह निर्णय लागत प्रभावी और कुशल उपाय है। उन्होंने कहा कि नासिक से दिल्ली तक एक ट्रेन (56 ट्रकों के बराबर) के परिवहन पर रेल द्वारा 70.20 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि सड़क मार्ग से 84 लाख रुपये का खर्च आता है। इस प्रकार प्रति ट्रेन 13.80 लाख रुपये की बचत होती है।
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