NEW DELHI. कर्नाटक में 5000 करोड़ के MUDA जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किल बढ़ गई है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है। कर्नाटक राज्यपाल सचिवालय की ओर से मुख्यमंत्री के खिलाफ केस चलाने को लेकर नोटिस जारी दिया गया है।
कर्नाटक में मचा सियासी बवाल
राज्यपाल के फैसले के बाद कर्नाटक में सियासी पारा हाई हो गया है। बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। सीएम के खिलाफ एक्शन को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है। बीजेपी ने सिद्धारमैया सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार होने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर किया पलटवार
राज्यपाल के इस फैसले को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सरकार इन चालों से डरने वाली नहीं है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने राज्यपाल के कदम को महत्वहीन बताया है। अब कर्नाटक सरकार राज्यपाल के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन आवंटन मामले में भष्ट्राचार के आरोप है। पूरा घोटाला करीब 5 हजार करोड़ रुपये का है। सीएम पर MUDA की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है। MUDA घोटाला सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती सिद्धारमैया की 3 एकड़ जमीन से जुड़ा है। इस घोटाले को लेकर सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अफसरों के खिलाफ शिकायत की गई है।
मामले में शिकायत, राज्यपाल ने दी मंजूरी
शिकायत करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर महंगी जमीन को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था। इसको लेकर आरटीआई कार्यकर्ता ने राज्यपाल से सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मंजूरी देने के लिए आग्रह किया था। जिसके बाद राज्यपाल ने शिकायत के आधार पर केस चलाने की मंजूरी दे दी है।
बीजेपी के आरोप झूठे : सीएम सिद्धारमैया
मामले में सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि उन्होंने कानून के अनुसार सब कुछ किया गया था। 2014 में मुख्यमंत्री रहते पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। उन्होंने पत्नी से कहा था कि वह जब तक CM हैं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन नहीं करे। 2020-21 में बीजेपी सरकार के दौरान पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी के आरोप झूठे हैं।
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