केदारनाथ धाम का बीते दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें केदारनाथ में कुत्ते को लेकर एक श्रद्धालु भगवान नंदी की पूजा कर रहा था। ये वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो बवाल मच गया। जिसके बाद श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने इसपर कार्रवाई की मांग की थी। अब पुलिस ने इस मामले पर एक्शन लिया है।
वायरल वीडियो पर कार्रवाई की जानकारी रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया, केदारनाथ मंदिर में एक व्यक्ति ने मंदिर परिसर में कुत्ते को टहलाने और भगवान नंदी की मूर्ति को कुत्ते से छुए जाने की घटना के संबंध में पुलिस जांच कर रही है.
डॉग के बार में पूरा सच जानें
यह कुत्ता नोएडा में रहने वाली हिम्शी त्यागी का है। वायरल वीडियो में कुत्ते के साथ उनके पति रोहन त्यागी उर्फ विकास ही हैं। हिम्शी त्यागी ने बताया कि केदारनाथ में मौजूद वह वायरल वीडियो वाला कुत्ता हस्की ब्रीड का है। यह डॉग्स की रशियन ब्रीड है। हिम्शी ने कहा कि हम उसे बिल्कुल अपने बेटे की तरह पालते हैं और उसका नाम 'नवाब त्यागी' रखा हुआ है। नवाब फिलहाल चार साल चार महीने का है।
हिम्शी ने उसे 2018 में बेंगलुरु से मंगाया था। इन्होंने इसे बेंगलुरु से इंपोर्ट कराया था। इसमें कुल एक लाख रुपए का खर्च आया, जिसमें फ्लाइट का खर्च, कुत्ते की कीमत सब शामिल है। उस वक्त नवाब करीब 50 दिन का ही था। हिम्शी के मुताबिक उनका कुत्ता भारत में पैराग्लाइडिंग करने वाला पहला डॉग है। जिसके वीडियोज पहले से ही वायरल हैं। इसके अलावा वह कई जगह घूमा है।
डॉग के मालिक को मिल रही धमकियां
हिम्शी त्यागी ने बताया कि वीडियोज वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर उनको धमकियां मिल रही हैं। कुछ ट्रोलर्स बोल रहे हैं कि अब उनको उत्तराखंड में घुसने तक नहीं देंगे। हिम्शी कहती हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और ऐसे लोग उनको रोकने वाले कौन होते हैं। हिम्शी ने बताया कि वह और उनके पति अपनी सोसायटीज के और कुत्तों की भी देखभाल करती हैं। हाल ही में उन्होंने छह कुत्तों को पारगो बीमारी से बचाया है। इसे कुत्तों के लिए कोरोना जैसा खतरनाक माना जाता है।
समिति ने किया था ट्वीट
इस संबंध में समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। समिति ने ट्वीट किया था, 'उस व्यक्ति के कृत्य को घोर आपत्तिजनक बताया गया है, साथ ही उस कृत्य से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होने की भी बात कही गई है। वहीं मंदिर में बड़ी संख्या में समिति के कर्मियों और पुलिसकर्मियों के होने के बाद भी ये घटना होने पर खेद जाता गया है'।