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New Delhi. 2024 आम चुनाव के मद्देनजर विपक्ष कई फांकों में बंटा हुआ है। भारत जोड़ो यात्रा निकालकर कांग्रेस जहां विपक्ष की अगुवाई का दम भर रही थी कि तृणमूल की ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और वाईआरएस कांग्रेस के जगन रेड्डी कांग्रेस को रेड सिग्नल दिखा चुके हैं। वहीं तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद रह-रहकर विफल होती जा रही है। इसकी एक कोशिश दिल्ली के मुख्यमंत्री और आमआदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने भी की जो विफल हो चुकी है।
दरअसल गुजरात चुनाव के बाद वोटिंग परसेंटेज के चलते आमआदमी पार्टी कथित रूप से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर 18 मार्च को डिनर के लिए बुलाया था। सियासी गलियारों में इसे तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद के तौर पर देखा गया, लेकिन विपक्षी दलों के सीएम ने अलग-अलग वजहों से इस डिनर के कार्यक्रम से दूरी बना ली।
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अरविंद केजरीवाल ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, बिहार, केरल और तमिलनाडु समेत पंजाब के सीएम को डिनर का न्यौता दिया था। लेकिन केजरीवाल के इस डिनर में केवल पंजाब सीएम भगवंत मान ही पहुंचे। दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बीआरएस के केसीआर की राजनैतिक महत्वाकांक्षा अरविंद केजरीवाल साथ आने से रोक रही हैं। शायद यही वजह है कि केजरीवाल की कोशिशों पर इन दिग्गजों ने पानी फेर दिया।
सूत्रों की मानें तो तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी को लेटर मिलने के बारे में कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दी। जेडीयू की ओर से कहा गया कि नीतीश कुमार की ओर से केजरीवाल से रणनीतिक तौर पर दूरी बनाई जा रही है। कुछ ऐसा ही रुख बीआरएस नेता और तेलंगाना के सीएम केसीआर की ओर से भी अपनाया जा रहा है। हालांकिन बीआरएस की ओर से डिनर का न्यौता मिलने से ही इनकार किया गया है।
सोरेन ने दिया बजट सत्र का हवाला
इधर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने डिनर का पत्र मिलने की बात तो स्वीकारी लेकिन विधानसभा में बजट सत्र के चलते व्यस्तता का हवाला दे दिया। यही हाल केरल के सीएम विजयन का है।
कुल मिलाकर आम चुनाव में तीसरा मोर्चा बनाने की अरविंद केजरीवाल की कोशिशों को पहले प्रयास में नाकामी हाथ लगी है, हालांकि राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता, संभव है कि तीसरे मोर्चे के लिए अभी और कोशिशें की जाएं।