AHMEDABAD. पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़े मानहानि केस में शनिवार, 5 अगस्त को अहमदाबाद की सेशन कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी। केजरीवाल ने गुजरात यूनिवर्सिटी से पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग की थी। इस केस में 31 मार्च 2023 को गुजरात हाईकोर्ट ने स्टे दिया था।
केजरीवाल ने की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
इस मामले में 1 अप्रैल 2023 को केजरीवाल ने मीडिया से चर्चा कर पीएम मोदी की डिग्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद गुजरात यूनिवर्सिटी के महासचिव डॉ. पीयूष पटेल ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल के खिलाफ मानहानि की शिकायत कोर्ट में की। कोर्ट ने मामले में केजरीवाल के खिलाफ समन जारी किया था। जिसे केजरीवाल ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी।
यहां बता दें, मेट्रो कोर्ट ने केजरीवाल को समन जारी कर 11 अगस्त को कोर्ट में पेश होने को कहा है। इस पर केजरीवाल के वकील ने अपनी दलील में कहा कि ऐसे मामलों में आरोपी का मौजूद रहना जरूरी नहीं है। मेट्रो कोर्ट में मामले की सुनवाई से पहले केजरीवाल समन के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकते हैं।
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केजरीवाल ने याचिका में क्या कहा था
केजरीवाल ने सेशन कोर्ट में समन के खिलाफ रिवीजन अर्जी लगाकर कहा कि समन के ऑथराइजेशन प्रॉपर नहीं है। यूनिवर्सिटी ने जिस आधार पर मानहानि का केस किया वह मामला ही नहीं बनता है। गवाहों ने जो कहा है, उसमें मानहानि जैसा कुछ नहीं है।
पीएम मोदी की डिग्री को लेकर दिए थे बयान
दिल्ली के सीएम केजरीवाल और सांसद संजय सिंह ने यह टिप्पणी गुजरात हाईकोर्ट द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त के उस आदेश को रद्द करने के आदेश के बाद की थी, जिसमें गुजरात यूनिवर्सिटी (जीयू) को पीएम मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, दोनों नेताओं ने मोदी की डिग्री को लेकर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्विटर हैंडल पर अपमानजनक बयान दिए थे।
गुजरात यूनिवर्सिटी ने मानहानि का केस किया
अहमदाबाद में स्थित गुजरात यूनिवर्सिटी ने सीएम केजरीवाल और सांसद संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया है। पीएम मोदी की डिग्री से जुड़े इस मामले में दोनों नेताओं पर यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने का आरोप है। गुजरात यूनिवर्सिटी ने याचिका में कहा है कि केजरीवाल और संजय सिंह लगातार संस्थान की प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं। उनको पता है कि पीएम की डिग्री पहले ही वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी है। इसके बाद भी दोनों नेता कह रहे हैं कि डिग्री न दिखाकर यूनिवर्सिटी सच छिपा रही है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।