NEW DELHI. केरल कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन की स्क्रीनिंग की। केरल कांग्रेस ने ये आयोजन एक बीच पर किया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग डॉक्यूमेंट्री देख सकें। डॉक्यूमेंट्री पर इसलिए विवाद हो रहा है, क्योंकि 2002 में गुजरात में हुए दंगों में पीएम मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) की भूमिका होने का दावा किया गया था। केंद्र सरकार ने इसे बीबीसी का प्रोपेगैंडा बताया था। डॉक्यूमेंट्री का पहला भाग 17 जनवरी को जारी हुआ था, जिसे यूट्यूब पर ब्लॉक कर दिया गया था। वहीं, सरकार ने ट्विटर और अन्य साइट्स पर भी इसे डॉक्यूमेंट्री की शेयरिंग पर रोक लगा दी थी। दिल्ली की जेएनयू में स्क्रीनिंग को लेकर पहले ही विवाद हो चुका है। जामिया मिलिया इस्लामिया, एएमयू, हैदराबाद की उस्मानिया, कोलकाता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी, दिल्ली और मुंबई की TISS यूनिवर्सिटी में भी स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हो रहा है।
हैदराबाद यूनिवर्सटी में बवाल
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में लेफ्ट संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए। यहां SFI ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी। इस दौरान ABVP कार्यकर्ताओं ने कश्मीर फाइल्स फिल्म दिखाई। इससे पहले 21 जनवरी को छात्रों के एक गुट ने प्रशासन की परमीशन लिए बगैर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने मामले में रिपोर्ट मांगी थी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दोनों गुटों के छात्रों को किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग ना करने को कहा था।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर नॉर्थ से लेकर साउथ तक विवाद
BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर दिल्ली से हैदराबाद तक लगातार विवाद जारी है। दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू (JNU) यूनिवर्सिटी कैंपस में लेफ्ट विंग के कार्यकर्ताओं ने ABVP के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान ABVP कार्यकर्ताओं ने पत्थर चलाए। वहीं, जामिया मिलिया इस्लामिया ने बवाल को देखते हुए छात्रों की अपील पर 27 जनवरी को क्लास सस्पेंड कर दीं। इधर, दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी कई छात्र संगठनों ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया है। वहीं कोलकाता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कहा कि केंद्र सरकार, ब्रिटिश राज जैसा बर्ताव कर रही है। वो हम पर फैसला लाद रहे हैं। जामिया की वीसी नजमा अख्तर के मुताबिक, विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर छात्र संगठन SFI यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। हम ऐसी किसी भी काम की अनुमति नहीं देंगे।
पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में भी डॉक्यूमेंट्री चलाने पर हंगामा हो गया। एनएसयूआई (NSUI) ने यह डॉक्यूमेंट्री चलाई। इतने में यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को इसकी भनक लग गई और प्रोजेक्टर पर चलाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को तुरंत बंद करवा दिया गया। इससे पहले लगभग आधी डॉक्यूमेंट्री चल चुकी थी।