NEW DELHI. खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पुलिस ने पकड़ लिया है। वह कई दिनों से फरार चल रहा था। सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल ने पंजाब की मोगा पुलिस के सामने सरेंडर किया है। कहा जा रहा था कि वो वैशाखी के मौके पर सरेंडर करेगा, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया। पंजाब पुलिस ने देशभर में नेपाल बॉर्डर तक ऑपरेशन चलाए। पंजाब पुलिस के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं।
हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को लगाई थी फटकार
कुछ दिनों पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पंजाब पुलिस को फटकार लगाई थी कि जब उसके साथियों को पकड़ लिया गया तो अमृतपाल तक पुलिस कैसे नहीं पहुंच पाई। अब बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने सरेंडर कर दिया है। अमृतपाल बीते कई दिनों से फरार चल रहा था। उसने सोशल मीडिया के जरिए कई बार वीडियो भी जारी किए।
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अमृतपाल को असम की जेल ले जाने की तैयारी
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने पंजाब के मोगा स्थित रोड़ेवाल गुरुद्वारे में सरेंडर किया है। जहां से पुलिस उसे अमृतसर ले गई है और अमृतसर से सीधा असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा जाएगा। इस जेल में पहले से अमृतपाल के तमाम मददगार भी बंद हैं। बताते हैं कि अमृतपाल ने ही पंजाब पुलिस को सूचना दी थी। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल को शनिवार, 22 अप्रैल की शाम से मोगा के रोड़ेवाल गुरुद्वारे में छिपा हुआ था। अमृतपाल के बारे में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसवीर सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी।
अमृतपाल का करीबी पप्पप्रीत हो चुका गिरफ्तार
इससे पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के करीबी पप्पलप्रीत को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। पंजाब पुलिस को उसने बयान दिया था कि उसे अमृतपाल के बारे में जानकारी नहीं है। उसने कहा कि अमृतपाल आत्मसमर्पण करेगा या नहीं, ये मुझे नहीं पता है। पप्पलप्रीत ने स्पष्ट किया कि हम 28 मार्च की रात को ही अलग हो गए थे। पप्पलप्रीत की गिरफ्तारी के बाद इसके चांस बढ़ गए थे कि अमृतपाल भी अब अधिक दिन नहीं रुकेगा और आत्मसमर्पण करेगा।
अमृतपाल 23 फरवरी को चर्चा में आया था
अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था। उसने अजनाला पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी। इतना ही नहीं अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी। अमृतपाल की तुलना खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले से भी की जा रही है।
अजनाला पुलिस थाने पर किया था हमला
23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था। अमृतपाल और उसके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे। ये पूरा बवाल आठ घंटे तक चला था। ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई को मांग को लेकर हुआ था। लवप्रीत तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था। हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। 23 फरवरी की इसी घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था।
18 मार्च से पुलिस ने शुरू किया था ऑपरेशन
पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में सात जिलों की पुलिस टीम शामिल थी। पुलिस की 50 से ज्यादा गाड़ियों ने अमृतपाल और उसके समर्थकों का पीछा किया। पुलिस ने अमृतपाल का पीछा तब किया, जब वो जालंधर की शाहकोट तहसील जा रहा था। अमृतपाल आखिरी बार बाइक से भागते हुए दिखा था। पुलिस का भी कहना है कि संकरी गलियां थीं और वो अपनी गाड़ी बदलकर वहां से भागने में कामयाब रहा।
अमृतपाल पर पुलिस ने लगाया है NSA
अमृतपाल को लेकर पुलिस ने बेहद सख्त एक्शन लेते हुए उस पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगा दिया है। यह बेहद सख्त कानून माना जाता है। इस कानून के तहत पुलिस संदिग्ध व्यक्ति को 12 महीनों तक हिरासत में रख सकती है। हिरासत में रखने के लिए बस बताना होता है कि इस व्यक्ति को जेल में रखा गया है।
कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे' संगठन का चीफ है। वह अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है। वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है। वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इस पर कब्जा कर लिया। उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया। अमृतपाल का आतंकवादी संगठनों से भी लिंक बताया जा रहा है।