गणतंत्र की कहानी: इसलिए चुनी गई संविधान लागू होने के लिए 26 जनवरी की तारीख

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Atul Tiwari
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गणतंत्र की कहानी: इसलिए चुनी गई संविधान लागू होने के लिए 26 जनवरी की तारीख

नई दिल्ली. आज देश 73वां गणतंत्र दिवस (73rd Repulic Day) मना रहा है। आज ही के दिन 1950 में देश का संविधान (Indian  Constitution) लागू हुआ था और भारत गणतंत्र बना था। इसलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।



26 जनवरी 1950 को अंग्रेजों द्वारा बनाए गए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 की जगह भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत का संविधान वैसे तो 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था और इसे संविधान सभा की मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।



26 जनवरी 1950 को ही इसलिए लागू: 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने देश की पूर्ण आजादी या पूर्ण स्वराज का नारा दिया था। 1929 में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। उस अधिवेशन में अंग्रेज सरकार से मांग की गई थी भारत को 26 जनवरी 1930 तक संप्रभु दर्जा (sovereign Status) दे दिया जाए। फिर 26 जनवरी 1930 को पहली बार पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।



इसके बाद 15 अगस्त 1947 तक यानी अगले 17 वर्षों तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व की वजह से ही 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया और इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।



डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने फहराया था तिरंगा: भारत के रिपब्लिक बनने की घोषणा देश के आखिरी गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने की थी। भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर गणतंत्र बना था और इसके 6 मिनट बाद 10:24 बजे पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। पहले गणतंत्र दिवस समारोह में राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों में भाषण दिया था। 


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