कोलकाता डॉक्टर रेप मामले में गुस्साई भीड़ का हंगामा, अस्पताल में तोड़फोड़, पुलिस से भी की हाथापाई

कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप- मर्डर से गुस्साई भीड़ ने देर रात अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग पर हमला कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को टीएमसी की करतूत बताई है। बीजेपी ने कहा कि सबूत मिटाने के लिए TMC ने गुंडे भेजे थे।

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Deeksha Nandini Mehra
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Angry Crowd Created Ruckus in Kolkata Doctor Rape Case : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना के बाद प्रदर्शन उग्र हो गया है। गुस्साई भीड़ ने आधी रात को अस्पताल में घुसकर हंगामा किया। इसके अलावा पुलिस से भी झड़प होने की खबरें सामने आ रहीं है। इस प्रदर्शन को आजादी की आधी रात में महिलाओं की आजादी की खातिर प्रदर्शन का नाम दिया है। देखते ही देखते कोलकाता में आयोजित विरोध- प्रदर्शन हिंसक हो गया।  

अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग पर किया हमला 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार 14 अगस्त की आधी रात को हॉस्पिटल की इमरजेंसी बिल्डिंग (Emergency Building) में उग्र भीड़ ने हमला किया। रात लगभग 12 बजे कई लोग अस्पताल में घुसे और जमकर तोड़फोड़ की। इसके अलावा अस्पताल में मौजूद डॉक्टर्स के साथ मारपीट की।

पहले अस्पताल के बाहर की नारेबाजी 

प्रदर्शनकारियों ने खिड़की, बेड से लेकर सभी मेडिकल इक्विपमेंट (Medical equipment) तहस-नहस कर दिए। अस्पताल के अंदर बने पुलिस बैरक को भी भीड़ ने तोड़ डाला। अस्पताल के बाहर पहले प्रदर्शनकारियों ने इंसाफ की मांग को लेकर खूब नारेबाजी की, इसके बाद अस्पताल में बवाल मचाया।

लाठीचार्ज के साथ छोड़े आंसू गैस के गोले 

जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने उस बिल्डिंग में तोड़फोड़ की, जिसमें महिला ट्रेनी डॉक्टर के से शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने उग्र भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया। इसके अलावा आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। बीजेपी ने इस घटना को लेकर टीएमसी पर आरोप लगाया है कि यह गुंडे तृणमूल कांग्रेस ने भेजे से थे। यह काम बाकी के सबूत मिटाने और लोगों के बीच हिंसा फैलाने के लिए किया गया। 

बीजेपी का आरोप - टीएमसी ने भेजे थे गुंडे

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी (BJP leader Suvendu Adhikari) ने पोस्ट करते हुए लिखा, ममता बनर्जी ने अपने टीएमसी गुंडों को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास अराजनीतिक विरोध रैली में भेजा है। वह सोचती हैं कि वह पूरी दुनिया में सबसे चतुर इंसान हैं और लोग इस चालाकी को समझ नहीं पाएंगे कि प्रदर्शनकारियों के रूप में दिखाई देने वाले उनके गुंडे भीड़ के साथ मिल जाएंगे और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर बर्बरता को अंजाम देंगे। उन्हें पुलिस द्वारा सुरक्षित रास्ता दिया गया, जो या तो भाग गए या दूसरी तरफ देखने लगे ताकि ये गुंडे अस्पताल परिसर में प्रवेश कर सकें और महत्वपूर्ण सबूत वाले क्षेत्रों को नष्ट कर दें ताकि इसे सीबीआई द्वारा न उठाया जा सके। 

अधिकारी ने आगे कहा, 'वे मूर्ख टीएमसी गुंडे थे, वे योजना को अच्छी तरह से क्रियान्वित नहीं कर सके और जब उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों, पीजीटी और प्रशिक्षुओं के धरना मंच पर तोड़फोड़ की तो उन्होंने अपनी पहचान प्रकट की। जो कोई एकजुटता दिखाने आया है वह विरोध प्रदर्शन के केंद्र को क्यों नष्ट करेगा? आखिरकार पूरे राज्य में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन हुआ, फिर आरजी कर में ही हिंसा क्यों भड़की?

पुलिस कमिश्नर ने मीडिया को बताया दोषी 

कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल (Police Commissioner Vineet Goyal) ने कहा, अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी, जिसके कारण वह उग्र भीड़ को काबू नहीं किया जा सका। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। 

पुलिस कमिश्नर ने कहा, यहां जो कुछ हुआ है, वह गलत मीडिया अभियान के कारण हुआ है, यह एक दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान है, जो कोलकाता पुलिस के लिए चल रहा है। हमने परिवार को संतुष्ट करने की कोशिश की है, लेकिन अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। मैं लोगों के भरोसे से बेहद नाराज हूं।

हमने कभी नहीं कहा कि केवल एक ही व्यक्ति (आरोपी) है। सिर्फ अफवाहों के आधार पर, मैं एक युवा पीजी छात्र को गिरफ्तार नहीं कर सकता, यह मेरी अंतरात्मा के खिलाफ है। अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है। 

कोलकाता पुलिस पर उठ रहे सवाल

कोलकाता पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि कोलकाता पुलिस ने जांच नहीं बल्कि लीपा-पोती की है। पॉस्टमार्टम देखने वाले डॉक्टर बता रहे हैं कि ये सिर्फ रेप नहीं गैंगरेप है। पहले डॉक्टर के घरवालों को बताया था कि बेटी ने सुसाइड कर लिया, फिर अस्पताल बुलाया और तीन घंटे तक बैठाकर रखा। ये प्रशासन की संवेदनहीनता थी,जो बरगलाने में लगा था। वहीं हाईकोर्ट ने केस सीबीआई को सौंपते हुए कहा कि 'इस बात की पूरी संभावना है कि पुलिस की जांच में सबूत मिटा दिए जाएंगे। 

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