दिल्ली. लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत कैंसल होगी या नहीं इसपर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा और आशीष को बेल दे दी। मृतक किसानों के परिवारों की तरफ के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि कोर्ट ने जमानत देने में कई तथ्यों में ध्यान नहीं दिया। वह बोले कि यह हत्या का गंभीर मामला है। वहीं कुछ याचिकाकर्ताओं ने कहा कि आरोपी की जमानत रद्द की जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि हमें क्या करना है।
केंद्री मंत्री पर धमकी देने के आरोप
वकील दुष्यंत दवे ने दावा किया कि आशीष के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा धमकी दे रहे थे। उपमुख्यमंत्री का यात्रा मार्ग बदलने के बावजूद आरोपी उस रास्ते पर गया जिस पर किसान थे। विशेष जांच दल ने विस्तृत तौर पर जांच की और सभी वीडियो-ऑडियो और गवाहों पर गौर किया। कोर्ट की सुनवाई के बाद दुष्यंत दवे ने यह भी कहा कि मामला आरोपी की जमानत खारिज करने के लिए बिलकुल उचित है।
आशीष के वकील का तर्क
आशीष के वकील रंजीत कुमार ने कहा कि पुलिस को किसानों की तरफ से दी गई रिपोर्ट में ही कहा गया है कि गोली से एक किसान मरा। तभी हाई कोर्ट ने गोली न चलने की बात कही। लोगों ने यह भी कहा कि आशीष गन्ने के खेत में भाग गया. घटनास्थल पर गन्ने का खेत था ही नहीं, धान का था।