सुप्रीम कोर्ट में बुधवार, 20 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुनवाई हुई। स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी होने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार (UP Government) को फटकार लगाई। सीजेआई (CJI) एनवी रमन्ना ने कहा, हम कल रात 1 बजे तक इंतजार करते रहे। आपकी स्टेटस रिपोर्ट हमें अभी मिली है। जबकि पिछली सुनवाई के दौरान हमने आपको साफ कहा था कि कम से कम 1 दिन पहले हमें स्टेटस रिपोर्ट मिल जाए।
कोर्ट ने लगाई UP सरकार को फटकार
यूपी सरकार की ओर से हरीश साल्वे ने कहा, हमने प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। आप मामले की सुनवाई शुक्रवार, 22 अक्टूबर तक टाल दीजिए। कोर्ट ने सुनवाई टालने से मना कर दिया और कहा, ये सही नहीं होगा। बेंच यूपी सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट हाथों हाथों पढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लखीमपुर खीरी घटना की जांच से यूपी सरकार बचना चाह रही है। कोर्ट ने पूछा कि आपने कहा कि 4 गवाहों के बयान लिए, बाकी गवाहों के क्यों नहीं लिए? सिर्फ 4 आरोपी पुलिस हिरासत में हैं बाकी आरोपी अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुए? क्या उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है? कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 अक्टूबर तक टाल दी है।
SC ने दिए गवाहों की सेफ्टी के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों और पीड़ितों के बयान धारा 164 के तहत जल्द से जल्द दर्ज कराए जाएं। साथ ही गवाहों की सेफ्टी का भी पूरा ध्यान रखा जाए। यूपी सरकार की ओर से हरीश साल्वे ने कहा, इस मामले में आरोपियों से पूछताछ हो चुकी है। 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। इनकी जांच हो रही है। इनमें भी सबूत मिले हैं। उन्होंने बताया कि क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया जा चुका होगा। पीड़ितों और गवाहों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। दशहरे की छुट्टी में कोर्ट बंद होने पर बयान दर्ज नहीं हो सकें हैं।