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बिहार में 2025 तक हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के ड्राफ्ट में 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोग शामिल हैं। 65.6 लाख मतदाता (8%) को ड्राफ्ट सूची से बाहर रखा गया है। यदि इन मतदाताओं ने समय रहते आपत्ति दर्ज नहीं कराई, तो उन्हें फाइनल सूची से बाहर कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया जुलाई 2025 तक पूरी हो जाएगी।
बिहार के सबसे अधिक बदलाव वाले जिले
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जिले जहां कम हुए वोटर्स
गोपालगंज
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत सबसे ज्यादा प्रभावित जिला गोपालगंज रहा है। यहां 15.10% मतदाता ड्राफ्ट सूची से बाहर हुए हैं। गोपालगंज, जो राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का गृह जिला है, ने इस रिवीजन में सबसे अधिक मतदाता छूटने की समस्या झेली है।
सीमांचल के जिले
इसके बाद जो जिले प्रभावित हुए, वे बिहार के सीमांचल क्षेत्र से संबंधित हैं। पूर्णिया में 12.08% मतदाता ड्राफ्ट से बाहर हुए, जबकि किशनगंज में 11.82% और कटिहार में 8.27% मतदाता ड्राफ्ट सूची से बाहर थे। सीमांचल में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत अधिक होने के कारण इन जिलों को अधिक प्रभावित माना गया है।
निचले प्रतिशत वाले जिले
सबसे कम प्रभावित जिलों में शेखपुरा, अरवल और नालंदा रहे। शेखपुरा में 5.13% मतदाता ड्राफ्ट से बाहर हुए, जबकि अरवल में 5.57% और नालंदा में 6% मतदाता प्रभावित हुए। पटना, जो राज्य की राजधानी है, में 7.84% मतदाता ड्राफ्ट सूची से बाहर थे।
राहुल गांधी के आयोग पर आरोप
चुनाव आयोग के राहुल गांधी को जवाब👉 12 जून 2025 को चुनाव आयोग राहुल गांधी को एक ईमेल भेजता है। वह नहीं आते। इसी तारीख को फिर से चुनाव आयोग उन्हें एक पत्र भेजता है, लेकिन वह जवाब नहीं देते। 👉 आयोग का कहना है कि यह बहुत अजीब है कि वह निराधार आरोप लगा रहे हैं और अब चुनाव आयोग तथा उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है। 👉 चुनाव आयोग गैर-जिम्मेदाराना बयानों को नजरअंदाज करता है। आयोग अपने कर्मचारियों से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करने का अनुरोध करता है। |
नेताओं के गृह जिले
बिहार के प्रमुख नेताओं के गृह जिलों के आंकड़े भी दिलचस्प हैं। नीतीश कुमार का गृह जिला नालंदा है, जहां 6% मतदाता ड्राफ्ट सूची से बाहर हुए हैं। वहीं, लालू प्रसाद यादव का गृह जिला गोपालगंज है, जहां सबसे अधिक 15.10% मतदाता ड्राफ्ट से बाहर हैं।
सबसे कम बदलाव वाले जिले
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मृत, माइग्रेट और डबल रजिस्ट्रेशन वाले मतदाता
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन में बिहार के कुल 38 जिलों में 22,34,501 मृत मतदाता पाए गए। इसके अलावा 36,28,210 मतदाता ऐसे मिले जो माइग्रेट हो चुके थे। 7,01,364 मतदाता ऐसे थे, जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर रजिस्टर्ड थे, और उन नामों को भी हटा दिया जाएगा।
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