Chiranjiv Rao Rewari Assembly Seat : रेवाड़ी विधानसभा सीट पर इस बार बड़ा उलटफेर हुआ है। साल 2019 में यहां से जीतकर विधायक बने चिरंजीव राव को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा है। कोसली सीट छोड़कर रेवाड़ी से चुनाव लड़े लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी को 28 हजार 909 वोटों से हराया है। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे और आरजेडी प्रमुख लालू यादव के दामाद चिरंजीव पहले राउंड में आगे चल रहे थे। इसके बाद के बाकी सभी राउंड में पिछड़ते चले गए।
डिप्टी सीएम पद मांग
चिरंजीव राव के चुनाव प्रचार में आरजेडी का पूरा महकमा लगा हुआ था। तेजप्रताप यादव रेवाड़ी में रोड शो करते नजर आए थे। कांग्रेस की लहर के चलते उनकी जीत तय मानी जा रही थी। इन सबके बीच बड़ा उलटफेर हो गया। हरियाणा में बीजेपी को बड़ी जीत गई है। वहीं कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि चिरंजीव राव कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम का पद मांग रहे थे।
रेवाड़ी सीट कांग्रेस का अभेद्य किला
रेवाड़ी सीट 1967 से कांग्रेस का अभेद्य किला रही है। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव 1991 से 2009 के बीच लगातार पांच बार इस सीट से विधायक रहे हैं। 2019 के चुनाव में कैप्टन अजय यादव के बेटे और लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव 43 हजार 870 वोट पाकर चुनाव जीते थे। भाजपा इस सीट पर सिर्फ एक बार 2014 में जीत दर्ज कर पाई है।
तोहफे में देंगे डिप्टी सीएम की कुर्सी
साल 2019 का चुनाव जब चिरंजीव ने जीते थे। तब जीत का अंतर बहुत बड़ा नहीं था। चिरंजीव ने भाजपा के सुनील कुमार को महज 1317 वोटों के अंतर से हराया था। 2014 के चुनाव में अजय सिंह यादव खुद तीसरे नंबर पर रहे थे। अशोक गहलोत, सचिन पायलट, दीपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई कांग्रेस नेताओं ने चिरंजीव राव के लिए प्रचार किया था। चुनाव से पहले भी चिरंजीव का बयान काफी चर्चित हुआ था, जब उन्होंने कहा था कि अगर वे जीते तो रेवाड़ी को डिप्टी सीएम की कुर्सी तोहफे में देंगे।
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