New Delhi. समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के प्रस्ताव पर आपत्तियां और सुझाव देने की तारीख को अब और न बढ़ाने का फैसला भारत के विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने किया है। आयोग को 28 जुलाई तक 80 लाख सुझाव और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। विधि आयोग सोमवार (31 जुलाई) से आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा। लॉ कमीशन अब पहले चरण में मिली प्रतिक्रियाओं और सुझावों को तीन भागों में बांटना शुरू करेगा।
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विचार-विमर्श के बाद जरूरत हुई तो यूसीसी के मसौदे में होगा संशोधन
विधि आयोग ने यूसीसी पर विचार व्यक्त करने के लिए 28 जुलाई तक की समयसीमा निश्चित करते हुए देश के नागरिकों, संस्थाओं और संगठनों से सुझाव मांगे थे। अब तक मिले सुझाव और आपत्तियों को आयोग अब प्रक्रिया से जुड़े लोगों और संस्थाओं के साथ साझा करेगा। विचार-विमर्श में जरूरी समझे जाने पर यूसीसी के मसौदे में संशोधन होगा।
अब आगे क्या : तीन हिस्से में बंटेंगे सुझाव और प्रतिक्रियाएं
आयोग अब इन सुझावों और प्रतिक्रियाओं को तीन हिस्से में बांटेगा। इसमें पहला हिस्सा यह होगा कि कितने लोग इस कानून के पक्ष में हैं और इसे बेहतर बनाने के लिए उनकी क्या राय है। उन लोगों के सुझावों और प्रतिक्रियाओं को भी अलग किया जाएगा जिन लोगों ने इस कानून का विरोध किया है और इस संबंध में अपने तथ्य पेश किए हैं। इसके बाद लोगों और संगठनों की ओर से मिली प्रतिक्रियाओं और सुझावों पर संविधान में प्रदत्त अधिकारों के विशेषज्ञों तथा सदस्यों के साथ आंतरिक विचार-विमर्श करेगा। इसके साथ-साथ ही प्रमुख धार्मिक, राजनीतिक तथा सामाजिक संगठनों के साथ भी चर्चा की जाएगी।
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फिर होगी तीसरे और अंतिम चरण की शुरुआत
संगठनों से चर्चा के बाद विधि आयोग की ओर से तीसरा चरण की शुरुआती की जाएगी। यह यूसीसी को लेकर विचार-विमर्श का आखिरी चरण होगा। इसके साथ-साथ लॉ कमीशन कानून को लेकर अपनी रिपोर्ट भी तैयारी करेगा। हालांकि, यह काफी लंबी प्रक्रिया है इसलिए इसमें कई हफ्ते या फिर महीने भी लग सकते हैं। ऐसे में संभावना है कि यह लोकसभा चुनाव के आसपास ही आ सकता है।
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तीन भागों में विभाजित होंगे सुझाव
- कानून बनाने के पक्ष और उसे बेहतर बनाने कि प्रतिक्रिया और सुझाव