NEW DELHI. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में फिर गैंगवार की घटना सामने आई है। इस गैंगवॉर में एक खूंखार गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई है। 30 वर्षीय गैंगस्टर प्रिंस लॉरेंस बिश्नोई गैंग का प्रमुख सदस्य था। तिहाड़ की जेल नंबर तीन में प्रिंस को चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है। चाकूबाजी की इस घटना में दो-तीन अन्य कैदी घायल हैं। गैंगवार की इस वारदात से तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है।
प्रिंस पर 16 केस थानों में दर्ज थे केस
जेल में दिल्ली के दो पूर्व मंत्रियों समेत कई हाई प्रोफाल कैदी बंद हैं। प्रिंस 2010 के बाद से वह लगातार आपराधिक वारदातें कर रहा था। उस पर हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट व अन्य धाराओं में 16 केस थानों में दर्ज थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तेवतिया को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था।
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तेवतिया ने रहमान पर किया था हमला
शाम करीब 5.10 बजे तिहाड़ की जेल नंबर 3 में हुई गैंगवार में तेवतिया पर कुछ बदमाशों ने चाकू से कई वार किए। गंभीर रूप से जख्मी तेवतिया को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक तेवतिया ने पहले अब्दुर रहमान नामक कैदी पर हमला किया, जिसके बाद रहमान और तेवतिया के साथियों के बीच झड़प हो गई।
वर्चस्व कायम करने के लिए हुआ था झगड़ा
सूत्रों ने बताया कि अत्तातुर और प्रिंस के बीच तिहाड़ की जेल नंबर तीन में वर्चस्व कायम करने को लेकर झगड़ा हुआ था। प्रिंस अक्सर स्टाफ और अन्य कैदियों पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए रौब जमाता था। इसको लेकर जेल में बंद अन्य कैदी उसके गैंग के सदस्यों से झगड़ा करते थे।
प्रिंस की चलती है उगाही
सूत्रों ने बताया कि प्रिंस का गिरोह दक्षिणी दिल्ली में सक्रिय था। वर्ष 2010 में प्रिंस का नाम पहली बार सामने आया था, उसके बाद से इसके गिरोह ने दिल्ली का दाऊद नाम से मशहूर हाशिम बाबा से हाथ मिला लिया था। हाशिम से दोस्ती के बाद प्रिंस दक्षिणी दिल्ली के गंगवाल गैंग और रोहित चौधरी गैंग से सीधी टक्कर देने लगा था। प्रिंस ने सट्टेबाज, शराब माफिया और अवैध कब्जे करने वाले लोगों से सभी से उगाही शुरू कर दी थी।
दिसंबर 2022 में हुआ था अरेस्ट
दिसंबर 2022 में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने प्रिंस को गाड़ी लूट के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। प्रिंस ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से हाथ मिला लिया। इसके बाद वह अपना नेटवर्क खड़ा करने लगा। उसने बिश्नोई गिरोह के हरियाणा नेटवर्क का सहारा लिया और पंजाब से हथियारों की बड़ी खेप मंगवाई थी। पुलिस ने प्रिंस के पास से हथियारों का यही जखीरा बरामद किया था, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि प्रिंस का गिरोह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला था।