लोकसभा चुनाव : आश्रम छोड़ संसद में करेंगे प्रवचन, इन साधु-संतों की प्रतिष्ठा भी दांव पर…

राजनीति में साधु संतों की एंट्री कोई नई बात नहीं है। भारतीय संसद की शुरुआत से ही संत सियासत में सक्रिय रहे हैं। 2024 में भी ऐसे कई चेहरे हैं, जो संसद में नजर आ सकते हैं।

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Dolly patil
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देश का 543 लोकसभा सीटों पर आज तस्वीर साफ हो जाएगी। बड़े नामों के साथ ही साधु- संतों के नाम भी हैं, जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। आइए जानते हैं कौन हैं ये खास चेहरे…

साक्षी महाराज

स्वामी साक्षी महाराज का जन्म यूपी के कासगंज जिले में 12 जनवरी, 1956 को हुआ था। उन्होंने राजनीति में पहला कदम 1991 में रखा था, जब भाजपा वे मथुरा लोकसभा के लिए चुने गए। फिर 1996 और 1998 में फर्रुखाबाद से सांसद बने। इसके बाद 2000 में वह समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। जनवरी 2002 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए उस पर तानाशाही, जातिवाद और पूंजीवाद   का आरोप लगाया और वापस बीजेपी में शामिल हो गए थे।

  • किस पार्टी से प्रत्याशी हैं :  बीजेपी 
  • किस लोकसभा क्षेत्र से हैं : उन्नाव ( उत्तर प्रदेश )
  • उनके सामने कौन है: अन्नु टंडन ( इंडिया गठबंधन )

क्या कहता है सीट का समीकरण

2024 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो उन्नाव सीट पर इस बार सिर्फ 55.47 प्रतिशत मतदान ही हुआ है, जो कि पिछली बार से कम वोटिंग है। उन्नाव लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें मोहान, उन्नाव, बांगरमऊ, सफीपुर, भगवंतनगर और पुरवा विधानसभा सीटें आती हैं। सफीपुर और मोहान सीट विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 90 के दशक के शुरुआत में बीजेपी न सिर्फ इस क्षेत्र में, बल्कि पूरे राज्य में अपनी जगह मजबूत करती चली गई। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) साक्षी महाराज को उतारकर यहां से कमल खिलाने में कामयाब रही थी। अगर हम बात करें 2019 को लोकसभा चुनाव कि तो 2019 उन्नाव लोकसभा सीट पर 9 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के सांसद स्वामी साक्षी महाराज का समाजवादी पार्टी के अरुण शंकर शुक्ला और कांग्रेस की अन्नू टंडन के बीच था।  बीजेपी के स्वामी साक्षी महाराज ने इस चुनाव में भी भारी बहुमत से जीत दर्ज की।

चिंतामणि महाराज

चिंतामणि महाराज लगभग 11 साल पहले बीजेपी में थे। भाजपा में उपेक्षा के आरोप पर उन्होंने 2008 में सामरी विधानसभा से ही निर्दलीय चुनाव लड़ा था, पर हार गए थे। इसके बाद चिंतामणि महाराज  बीजेपी  छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। साल 2013 में उन्हें कांग्रेस ने लुंड्रा से टिकट दिया था और वे विधायक बने। 2018 में दोबारा चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने सामरी से प्रत्याशी बनाया और वे दूसरी बार भी     विधायक बने। अब फिर बीजेपी में उनकी घर वापसी हो गई है।

  • किस पार्टी से हैं- भाजपा  
  • किस लोकसभा क्षेत्र से है- छत्तीसगढ़ की सरगुजा लोकसभा सीट 
  • उनके सामने कौन है-  शशि सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी

इस सीट का समीकरण

सरगुजा में बड़ी पहुंच- पहचान वाले भाजपा के चिंतामणि महाराज का मुकाबला कांग्रेस की शशि सिंह से है। इस संसदीय क्षेत्र में मतदान 07 मई को हुआ था। इसमें कुल 79.89 प्रतिशत वोट पड़े। भाजपा के प्रत्याशी रेणुका सिंह ने पिछले चुनाव में 1,57,873 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्हें 6,63,711 वोट मिले थे। रेणुका सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार खेल साई सिंह को हराया, जिन्हें 5,05,838 वोट मिले। इस निर्वाचन क्षेत्र में विगत 2019 के लोकसभा चुनाव में 77.29% मतदान हुआ था। ऐसे में देखा जाए तो इस बार ज्यादा मतदान हुआ है। इसी के साथ अगर हम 2014 और 2019 के चुनाव को आपस में compare करे तो सरगुजा सीट पर बीजेपी का पड़ला भारी रहा है। ऐसे में हम अनुमान लगा सकते हैं कि इस बार भी बीजेपी का पल्ला भारी रह सकता है।

शांतिगिरी महाराज

शांतिगिरी महाराज पहले छत्रपति शिवाजी नगर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, उनको भारी मतों के अंतर से हार स्वीकार करनी पड़ी थी। महाराज और उनके भक्तों का मानना है कि नासिक में हमारा एक बड़ा भक्त परिवार है और इस भक्त परिवार की ताकत से जीतना चाहते हैं। 

  • किस लोकसभा क्षेत्र से हैं- नासिक लोकसभा सीट
  • किस पार्टी से हैं- निर्दलीय 
  • उनके सामने कौन है- प्रत्याशी गोडसे हेमंत तुकाराम ( शिवसेना )  
  • प्रत्याशी प्रकाश वजे शिव सेना ( उद्धव ठाकरे ) 

नासिक सीट का समीकरण 

नासिक लोकसभा सीट के अंतर्गत सिन्नर, देवलाली, नासिक पूर्व, नासिक मध्य, नासिक पश्चिम, और इगतपुरी विधानसभा सीट शामिल हैं। इसी के साथ 2019 में नासिक सीट से शिवसेना के हेमंत गोडसे ने जीत हासिल की, उन्हें 5 लाख 63 हजार 599 वोट मिले, जबकि एनसीपी के समीर भुजबल को 2 लाख 71 हजार 395 वोट मिले और निर्दलीय उम्मीदवार माणिकराव कोकाटे को 1 लाख 34 हजार 527 वोट मिले थे। अगर हम बात करे 2014 के चुनाव की तो नासिक लोकसभा सीट से चुनाव में शिवसेना के हेमंत गोडसे  जीते थे और संसद पहुंचे थे। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस ( एनसीपी ) के दिग्गज नेता छगन भुजबल को हराया था। इस चुनाव में गोडसे को 4 लाख 94 हजार 735 वोट हासिल हुए थे। जबकि एनसीपी के छगन भुजबल को 3 लाख 07 हजार 399 वोट मिले। वहीं, 2024 के चुनाव में भी एक बार फिर शिवसेना ( शिंदे ) से हेमंत गोडसे खड़े हुए हैं हालांकि उनके सामने शिवसेना (ठाकरे ) के राजाभाऊ वाजे और शांतिगिरी महाराज ( निर्दलीय ) खड़े हुए हैं। जानकारी के मुताबिक इन सीटों पर इस बार 56.89 प्रतिशत वोट हुए हैं। अब देखना ये होगा की इस बार कौन बाजी मारेगा।

अर्थी बाबा

अर्थी बाबा के नाम से सुर्खियां बटोर रहे राजन यादव ने एमबीए की डिग्री ली है। उन्हें विदेश में नौकरी करने का भी ऑफर आया था, लेकिन वह नहीं गए। उनकी इच्छा थी कि वह समाज सेवा करें। वे कहते हैं कि समाज सेवा के भाव की वजह से ही वह अब चुनाव में उतरे हैं। 

  • किस लोकसभा क्षेत्र से है- गोरखपुर लोकसभा 
  • किस पार्टी से हैं- निर्दलीय 
  • उनके सामने कौन है- कांग्रेस - मधुसूदन त्रिपाठी, 
  • बीजेपी उम्मीदवार रवि किशन

गोरखपुर लोकसभा सीट का समीकरण 

बात करें गोरखपुर में चुनावी समीकरण की तो लोकसभा चुनाव हो चाहे विधानसभा चुनाव जातीय समीकरण हर बार की-फैक्टर साबित होता रहा है। वैसे गोरखपुर की सीट गोरखनाथ ट्रस्ट के इर्द-गिर्द घूमती है। ज्यादातर मौके पर वहीं से आशीर्वाद प्राप्त प्रत्याशी को ही विजयश्री मिली है। इसी के साथ गोरखपुर से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अभिनेता रवि किशन ( रवीन्द्र शुक्ला ) ने जीत दर्ज की थी।  

साध्वी निरंजन ज्योति

निरंजन ज्योति 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। वह भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री बनीं। इसके बाद 2019 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बहुजन समाज पार्टी के सुखदेव प्रसाद वर्मा को हराया। हमीरपुर में जन्मी साध्‍वी निरंजन ज्‍योति धार्मिक कथावाचक रही हैं। मूसा नगर, कानपुर देहात में साध्वी निरंजन ज्योति का आश्रम है।

  • किस लोकसभा क्षेत्र से हैं- उत्तर प्रदेश फतेहपुर लोकसभा 
  • किस पार्टी से है- BJP
  • उनके सामने कौन है- मनीष सिंह सचान ( BSP ) , बीरेंद्र सिंह ( ind )

सीट का समीकरण

फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें फतेहपुर, जहानाबाद, बिन्दकी, अयाह शाह, खागा और हुसैनगंज विधानसभा सीट शामिल हैं। इस सीट से 2019 में बीजेपी के साध्वी निरंजन ज्योति को 5 लाख 66 हजार 040 वोट मिले थे। 

सुमेधानंद सरस्वती 

सुमेधानन्द सरस्वती 2014 में 16वीं और 2016 में 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। 1972 में संस्कृत पढ़ने के लिए उन्होंने अपना घर छोड़ दिया। आगे चलकर उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया। सुमेधानन्द सरस्वती को योग में विशेष रुचि है। वह मानव संसाधन विकास संबंधी स्‍थायी समिति, आचार समिति, परामर्शदात्री समिति, कृषि मंत्रालय और हिन्‍दी सलाहकार समिति के सदस्य रह चुके हैं।

  • किस लोकसभा क्षेत्र से हैं- राजस्थान सीकर लोकसभा सीट 
  • किस पार्टी से है- BJP  
  •  उनके सामने कौन है
  •  बीरबलसिह ( ind ) 
  •  अमरचंद ( BSP ) 

 सीट का समीकरण

सीकर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें-सीकर, लक्ष्मणगढ़, नीमकाथाना, धोद, श्रीमाधोपुर, खंडेला, दांतारामगढ़ और चौमूं शामिल हैं। इस सीट पर 2014 में बीजेपी के स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को 7 लाख 72 हजार 104 वोट मिले (जीते) इसी के साथ कांग्रेस के सुभाष महरिया को 4 लाख 74 हजार 948 वोट मिले और सीपीआई ( एम ) के कामरेड अमरा राम को 31 हजार 462 वोट मिले थे 2024 में सीकर लोकसभा क्षेत्र की श्रीमाधोपुर विधानसभा में 48.57 प्रतिशत मतदान हुआ है।

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