बैंक लोन वसूली एजेंटों की बदसलूकी से परेशान? जानिए आपके कानूनी अधिकार

लोन लेने के बाद वसूली एजेंटों द्वारा धमकियों या मानसिक उत्पीड़न का सामना करना आम है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक और कानूनी प्रावधान आम नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करते हैं।

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Raj Singh
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बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन लेना आम बात है, लेकिन जब वसूली एजेंट अनुचित व्यवहार करते हैं, तो यह बड़ी समस्या बन जाता है। कई लोग वसूली एजेंटों द्वारा बार-बार फोन करने, धमकाने या मानसिक उत्पीड़न से परेशान रहते हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है! भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और कानून आम आदमी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान देते हैं।

बार-बार फोन करने से परेशान हैं? यह हैं आपके अधिकार

  • RBI के नियमों के अनुसार, वसूली एजेंट केवल सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही संपर्क कर सकते हैं।
  • बार-बार फोन करना "अनुचित व्यापार व्यवहार" (Unfair Trade Practice) माना जाता है।
  • इसके खिलाफ बैंकिंग लोकपाल, उपभोक्ता फोरम या पुलिस में शिकायत दर्ज की जा सकती है।

क्या करें?

  • सबसे पहले बैंक को लिखित शिकायत दें कि वसूली एजेंट आपको लगातार परेशान कर रहे हैं।
  • अगर बैंक 30 दिनों में समाधान नहीं देता, तो RBI या बैंकिंग लोकपाल में शिकायत कर सकते हैं।
  • DND (Do Not Disturb) सेवा एक्टिवेट करें। इसके लिए 1909 पर कॉल या SMS करें।

धमकी, जबरदस्ती या अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई

  • बैंक या वसूली एजेंट आपको धमका नहीं सकते, गाली नहीं दे सकते, या जबरदस्ती वसूली नहीं कर सकते।
  • यदि कोई एजेंट आपको मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान करता है, तो आप भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 503, 506 और 507 के तहत पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।

क्या करें?

  • वसूली एजेंट की धमकी या बदसलूकी को रिकॉर्ड करें, जिससे शिकायत में सबूत पेश किए जा सकें।
  • अगर वसूली एजेंट बार-बार कॉल कर रहा है या अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल कर रहा है, तो मानहानि (Defamation Case) दर्ज कर सकते हैं।

आपकी संपत्ति जब्त नहीं की जा सकती बिना कानूनी प्रक्रिया

  • यदि आपने लोन नहीं चुकाया है, तो भी बैंक सीधे आपकी संपत्ति जब्त नहीं कर सकता।
  • SARFAESI अधिनियम, 2002 के तहत बैंक को पहले लिखित नोटिस भेजना होगा और आपको जवाब देने का पूरा मौका देना होगा।
  • बिना नोटिस भेजे घर या ऑफिस पर जबरन आकर वसूली करना गैरकानूनी है।

क्या करें?

  • अगर कोई बैंक जबरदस्ती आपकी संपत्ति जब्त करने की कोशिश करे, तो कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं।
  • अगर बैंक ने RBI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है, तो बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं।

बैंकिंग लोकपाल और उपभोक्ता फोरम से शिकायत का अधिकार

  • बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) बैंक से संबंधित विवादों को हल करने के लिए एक स्वतंत्र संस्था है।
  • बैंक या वसूली एजेंटों के खिलाफ ऑनलाइन या लिखित शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

क्या करें?

  • अगर बैंक आपके लिखित शिकायत पर 30 दिनों के अंदर जवाब नहीं देता, तो बैंकिंग लोकपाल या उपभोक्ता फोरम में शिकायत करें।
  • शिकायत करने के लिए RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या निकटतम बैंकिंग लोकपाल कार्यालय में संपर्क करें।

मानसिक उत्पीड़न और मानहानि पर कानूनी कार्रवाई का अधिकार

  • अगर कोई बैंक या वसूली एजेंट गाली-गलौज, धमकी या सार्वजनिक रूप से बदनाम करने की कोशिश करता है, तो आप उपभोक्ता फोरम या सिविल कोर्ट में केस कर सकते हैं।
  • मानसिक उत्पीड़न के लिए बैंक से हर्जाना (Compensation) मांग सकते हैं।

क्या करें?

  • अगर बार-बार फोन करने या धमकी से आपको मानसिक कष्ट हो रहा है, तो सिविल कोर्ट में दावा करें और बैंक से हर्जाना मांगे।
  • IPC की धारा 294 (अश्लील भाषा), 503 (धमकी), 506 (आपराधिक धमकी) और 507 (अज्ञात कॉल से धमकी) के तहत केस दर्ज कराएं।

बैंक के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का अधिकार

  • अगर कोई बैंक या वसूली एजेंट आपको धमकाता है, शारीरिक हिंसा करता है या सामाजिक रूप से अपमानित करता है, तो यह कानूनी अपराध है।
  • इस तरह के मामलों में पुलिस में सीधे शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

क्या करें?

  • वसूली एजेंट की फोन कॉल रिकॉर्ड करें और बातचीत का सबूत रखें।
  • अपने क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में जाकर FIR दर्ज कराएं।
  • अगर पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करती, तो आप SP ऑफिस या मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत कर सकते हैं।

निष्कर्ष: आम आदमी के अधिकारों की पूरी सुरक्षा

अगर बैंक या वसूली एजेंट गलत तरीके से व्यवहार कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। RBI के नियम, उपभोक्ता फोरम, बैंकिंग लोकपाल और भारतीय कानून आम आदमी को पूरी सुरक्षा प्रदान करते हैं। आपको अपनी शिकायत सही प्लेटफॉर्म पर दर्ज करानी चाहिए और कानूनी विकल्पों का उपयोग कर अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

संक्षेप में समझें अधिकार

✅ DND सेवा चालू करें (1909 पर कॉल/मैसेज भेजें)।
 ✅ बैंक को लिखित शिकायत दें और 30 दिनों तक प्रतीक्षा करें।
 ✅ अगर बैंक जवाब नहीं देता, तो बैंकिंग लोकपाल या उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करें।
 ✅ धमकी या उत्पीड़न होने पर पुलिस में IPC की धारा 503, 506, 507 और 294 के तहत केस दर्ज कराएं।
 ✅ जबरन संपत्ति जब्त करने या मानसिक उत्पीड़न पर कोर्ट में मानहानि (Defamation) का मुकदमा करें।
 ✅ बैंक की गड़बड़ी पर RBI या बैंकिंग लोकपाल को रिपोर्ट करें।

अगर आप इन अधिकारों का सही इस्तेमाल करते हैं, तो बैंक या वसूली एजेंट आपकी शांति भंग नहीं कर पाएंगे। अपने अधिकारों को जानें, जागरूक बनें और किसी भी गलत व्यवहार के खिलाफ मजबूती से खड़े रहें।

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