Imphal. मणिपुर में मैतेई समुदाय को आरक्षण दिए जाने के फैसले के खिलाफ भड़की हिंसा में अब तक 54 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। करीब एक सैकड़ा के आसपास लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज इंफाल के रिम्स और जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में चल रहा है। हिंसा के हालात को देखते हुए मणिपुर के 11 सौ लोग असम में शरण ले चुके हैं। उधर भारत-म्यांमार सीमा पर हवाई निगरानी चल रही है। इधर रैपिड एक्शन फोर्स ने इंफाल में फ्लैग मार्च निकाला है।
मणिपुर के हालातों के मद्देनजर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने राज्य में नीट-पीजी के एग्जाम स्थगित कर दिए हैं। जिन छात्रों को मणिपुर सेंटर मिला है उनकी परीक्षा बाद में ली जाएगी। इधर दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में कूकी समुदाय के छात्रों का दावा है कि मैतेई समुदाय के छात्रों ने उन पर हमला कर दिया। इन छात्रों ने एफआईआर कराने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है। छात्रों के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में जरूर लिया है।
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8 जिलों में जारी है कर्फ्यू, मोबाइल इंटरनेट बंद
मणिपुर में फैली हिंसा को देखते हुए राज्य में मोबाइल इंटरनेट को आगामी आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। 8 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है। दंगा फैलाने की कोशिश करने वालों को शूट इन साइट के ऑर्डर दिए गए हैं। मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को भी रोका गया है। कर्फ्यू में ढील का समय बढ़ाया गया है। बताया जा रहा है कि जनजीवन सामान्य होता देख यह फैसला लिया गया है। शनिवार को अधिकांश क्षेत्रों में दुकानें भी खुली पाई गईं। पूरे मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के करीब 10 हजार जवानों को तैनात रखा गया है।
1100 लोग पहुंचे असम
इधर असम में मणिपुर के अनेक जिलों के करीब 11 सौ लोग दाखिल हुए। इनमें ज्यादातर कुकी समुदाय के लोग हैं, जिन्हें डर है कि जिन प्रदर्शनकारियों ने उन पर हमला किया था। उनके घरों को भी तहस-नहस कर दिया गया। इसलिए वे सुरक्षा के लिए असम में पनाह लेने पहुंचे हैं।