New Delhi. भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात से लेकर नॉर्थ-ईस्ट तक किले भेदने में कामयाबी हासिल कर ली हो। लेकिन दक्षिण के अपराजेय रहे विजय नगर साम्राज्य(वर्तमान का तमिलनाडु और केरल) में विजय पाने की ललक भाजपा के आलाकमान के मन में हमेशा से रही है। यही कारण है कि बीजेपी दक्षिण में नई स्ट्रेटजी अपनाने का दांव भी खेल सकती है। तमिलनाडु बीजेपी के प्रमुख अन्नामलाई के उस बयान ने सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के तमिलनाडु से चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है। बल्कि अपने फैसलों और चुनाव मैनेजमेंट से सबको चौंकाने वाली भाजपा यदि ऐसा करे तो किसी को आश्चर्य भी नहीं होगा।
एएनआई से बातचीत करते हुए के अन्नामलाई ने कहा था कि कुछ लोग पीएम मोदी को बाहरी कह रहे हैं। लेकिन उन्होंने क्षेत्रीयता की बाधा को पार कर लिया है और तमिलनाडु में उनके चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 2024 का आम चुनाव अलग तरह का लोकसभा चुनाव होगा।
गांधी परिवार को पसंद रहा दक्षिण
गांधी परिवार को भी दक्षिण का रुख करना काफी पसंद रहा। सबसे पहले इंदिरा गांधी ने रायबरेली के बाद दक्षिणी राज्य कर्नाटक के चिकमंगलूर सीट से चुनाव लड़ा था। उनकी बहू सोनिया गांधी ने एक बार अमेठी के साथ-साथ कर्नाटक के बेल्लारी से चुनाव जीता था। बेल्लारी में उन्हें बीजेपी से सुषमा स्वराज ने टक्कर दी थी। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साल 2019 में अपनी सीट अमेठी के साथ-साथ केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा था। वे अमेठी का चुनाव स्मृति ईरानी से हार गए थे। वहीं अब पीएम मोदी यदि तमिलनाडु से चुनाव लड़ते हैं, जैसा कि उनकी ही पार्टी के तमिलनाडु प्रमुख ने कहा है, तो 2024 का चुनाव बेशक रोचक होने वाला है।
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कौन सी सीट से लड़ सकते हैं मोदी?
अन्नामलाई के बयान से कयासों का दौर शुरू हो चुका है। कयास लगने शुरू हो चुके हैं कि मोदी तमिलनाडु से चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे। यदि लड़ेंगे तो कौन सी सीट से लड़ेंगे। तो बकौल के अन्नामलाई राज्य के रामनाथपुरम लोकसभा सीट के लोगों में पीएम के चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह अफवाह है। 2019 के चुनावों में तमिलनाडु की 39 में से एक भी सीट बीजेपी नहीं जीत पाई थी। हां साल 2014 में जरूर उसे कन्याकुमारी सीट से खाता खोलने का मौका मिल गया था। वहीं साल 2019 में 5 लोकसभा सीटों पर बीजेपी दूसरे नंबर पर थी, इनमें कोयंबटूर, शिवगंगा, रामनाथपुरम, कन्याकुमारी और थुटीकुट्टी सीटें हैं। हालांकि ये केवल कयास हैं लेकिन अगर पीएम मोदी को तमिलनाडु से लड़ने भेजा गया तो पार्टी इन्हीं 5 सीटों में से किसी एक को चुन सकती है।
तमिलनाडु में क्यों हो रही चर्चा?
दरअसल तमिलनाडु में जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक और विपक्ष दोनों ही कमजोर हो चुके हैं। ऐसे में बीजेपी के पास यहां जड़ें जमाने का सुनहरा मौका है। लेकिन उसके लिए पार्टी को आईकॉन की जरूरत है। वैसे बीजेपी यहां से निर्मला सीतारमण के रूप में बड़ा नेतृत्व दे चुकी है। लेकिन फिर भी चुनाव जिताऊ चेहरे की पार्टी को दरकार है।