BALASORE. ओडिशा के बालासोर में हुआ भयानक ट्रेन हादसा देश को कभी ना भूलने वाला दर्द दे गया है। इस हादसे में 288 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी। ट्रेनों में सवार कई लोगों की ढेरों कहानियां होंगी। कुछ अपने परिवार से मिलने की चाहत में होंगे तो कोई अपने प्यार से मिलने के लिए बेताब होगा। इस हादसे का शिकार हुए लोगों का सामान पटरियों पर फैला हुआ मिला। इसमें एक लव लेटर भी मिला जिसमें लिखा था 'हमारी-तुम्हारी कहानियों में खिलती हैं मोहब्बत की कलियां'।
डायरी में बंगाली में लिखी कविता
ट्रेन की पटरी पर कई लोगों के सामान के साथ एक फटी हुई डायरी भी मिली है। ये डायरी किसकी है ये तो किसी को नहीं मालूम, लेकिन उसमें बंगाली में लिखी कविता को पढ़कर ऐसा लगता है कि जिसने भी ये लिखी है वो एक अच्छा लेखक है।
कविता ऐसी है कि...
अल्पो अल्पो मेघा थाके, हल्का ब्रिस्टी होय, चोटो चोटो गोलपो ठेके भालोबासा सृष्टि होय।
इसका मतलब है, ठहरे ठहरे बादलों से बरसती हैं बूंदे, जो हमने तुमने सुनी थी कहानियां, उनमें खिलती हैं मोहब्बत की कलियां।
'प्यार से मुझे हर समय आपकी जरूरत है'
डायरी के एक और पन्ने पर लिखा है कि 'भालोबेशी तोके चाई साराखोन, अचिस तुई मोनेर साठे।'
इसका मतलब है कि ‘प्यार से मुझे हर समय आपकी जरूरत है, आप हर समय मेरे दिमाग में हैं।
पुलिस ने अपने पास सुरक्षित रखी डायरी
पुलिस ने डायरी के फटे पन्नों को संभालकर अपने पास रख लिया है। पुलिस का कहना है कि इन कविताओं और डायरी पर कोई दावा करने वाला अभी उनके पास नहीं आया है। ये भी नहीं कह सकते कि लिखने वाले के साथ क्या हुआ होगा। आपको बता दें कि अभी तक 187 मृतकों की पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस इनके परिजन को ढूंढने की पूरी कोशिश में जुटी है।
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कैसे हुआ था भयानक ट्रेन हादसा
2 जून की शाम करीब 7 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन की मेन लाइन से जा रही थी। इस बीच को डीरेल होकर वो लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इससे ट्रेन के 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए। वहीं दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन भी उसके डिब्बों से टकराकर डीरेल हो गई। इस हादसे में 288 से ज्यादा की मौत हो गई और 1 हजार से भी ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं।