उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट (yogi cabinet) ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत केन नहर प्रणाली के पुनरुद्धार के लिए 1191.51 करोड़ रुपए के खर्च के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक के बाद जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इस फैसले की घोषणा की। यह बैठक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई। यह परियोजना उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए बहु उद्देशीय परियोजना है। इसके साथ ही कैबिनेट ने राज्य सरकार के प्रस्तावित मध्य गंगा नहर परियोजना (दूसरे चरण) और ललितपुर जिले में भौरत बांध परियोजना को भी मंजूरी दी है।
बहुउद्देशीय प्रयास है केन-बेतवा लिंक परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना देश की पहली ऐसी परियोजना है जो राष्ट्रीय जल संसाधन विकास के तहत नदी जोड़ने की योजना का हिस्सा है। यह परियोजना सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए बनाई जा रही है। इससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों को सिंचाई, जलविद्युत और पेयजल की सुविधा मिलेगी। इससे किसानों को लाभ मिलेगा।
केन और बेतवा नदी को जोड़ा जाना प्रस्तावित
परियोजना के तहत केन नदी के अतिरिक्त पानी को बेतवा नदी में जोड़ने के लिए एक लिंक चैनल बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच 22 मार्च 2021 को एक समझौता हुआ था। केंद्रीय कैबिनेट ने 8 दिसंबर 2021 को योजना की मंजूरी दी थी, जिसमें कुल 44,605 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया था।
केन नहर प्रणाली का पुनरुद्धार
बता दें कि केंद्रीय जल आयोग ने 24 अप्रैल 2024 को केन नहर प्रणाली के पुनरुद्धार परियोजना के पहले चरण को मंजूर किया था। इसके बाद राज्य व्यय समिति ने 28 जून 2024 को इस पर अपनी स्वीकृति दी थी। इस परियोजना का खर्च 90:10 के अनुपात में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा साझा किया जाएगा।
इस परियोजना के तहत केन नहर प्रणाली की क्षतिग्रस्त और जर्जर हो चुकी नहरों का पुनरुद्धार किया जाएगा, जिससे नहर प्रणाली पूरी क्षमता के साथ कार्य करेगी और अधिकतम मांग के समय भी नहर के अंतिम हिस्सों में जल की नियमित उपलब्धता रहेगी।
कृषि क्षेत्र को मिलेगा लाभ
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि केन नहर प्रणाली से पानी का उपयोग जुलाई से दिसंबर तक नदी में जल की मात्रा के अनुसार किया जाएगा। वर्तमान में यह नहर बांदा जिले में रबी फसल के लिए सिंचाई सुविधा प्रदान करती है। पुनरुद्धार कार्य 2025 से 2028 के बीच नहर बंदी अवधि (जनवरी से जून) के दौरान किया जाएगा, ताकि नहर के संचालन में कोई बाधा न आए।
खेतों की होगी सिंचाई, किसानों को मिलेगा लाभ
इस महत्वपूर्ण परियोजना के पूरा होने पर बांदा जिले में वर्तमान 87,784 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र के साथ अतिरिक्त 79,191 हेक्टेयर असिंचित क्षेत्र में भी सिंचाई सुविधा मिलेगी। इससे कुल 1,66,975 हेक्टेयर क्षेत्र को लाभ मिलेगा। इससे लाखों किसानों को लाभ मिलेगा।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक