Mainpuri. उत्तरप्रदेश का मैनपुरी यूं तो समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है, लेकिन यहां केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने रिश्तों पर उस वक्त प्रकाश डाला जब वे यहां अपने पिता की प्रतिमा अनावरण समारोह में शिरकत करने पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में उन्होंने अपने पिता स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान ज्योतिरादित्य मैनपुरी से अपने रिश्ते के बारे में संबोधन देते वक्त भावुक भी हो गए। बता दें कि उनके पिता माधवराव सिंधिया का प्लेन यूपी के मैनपुरी में ही क्रेश हुआ था।
रोहिल्ला अफगानों के समय को किया याद
ज्योतिरादित्य ने यहां अपने संबोधन में कहा कि 250 साल पहले जब यहां रोहिल्ला अफगान इस इलाके में अत्याचार करते थे तब मेरे पूर्वज दत्ताजी महाराज सिंधिया और महर्षि महाराज ने इस क्षेत्र से रोहिल्ला अफगानों को यहां से खदेड़ने का काम किया था। सिंधिया ने कहा कि ये वर्ष 1770 की बात है जब केवल मैनपुरी ही नहीं इटावा, मेरठ, बदायूं नजीराबाद तक रोहिल्ला अफगानों का आतंक था। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार के पूर्वजों ने उन्हें उखाड़ कर फेंकने का काम किया।
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यहां मेरे पिता ने ली थी आखिरी सांस
ज्योतिरादित्य ने कहा कि हमारे परिवार ने जहां इस क्षेत्र को आजाद कराया, वहीं मेरे स्वर्गीय पिता ने इस मिट्टी में आखिरी सांस ली थी। उन्होंने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की राहत पर तेजी से बढ़ रहा है। इधर समारोह में शामिल सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी माधवराव सिंधिया को याद करते हुए कहा कि वे देश की राजनीति में एक उभरता हुआ चेहरा थे। विमान हादसे में जब उनकी मृत्यु की खबर लोगों को मिली थी तो लोग जाति, मत, संप्रदाय और राजनैतिक दीवारों को तोड़कर उन्हें श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़े थे।
गोरखनाथ पीठ और सिंधिया परिवार के संबंधों का भी किया जिक्र
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर की गोरखनाथ पीठ और सिंधिया परिवार का रिश्ता सदियों पुराना है। योगी ने कहा कि जब प्रदेश विदेशी आक्रांताओं से भयभीत था उस वक्त सिंधिया के पूर्वजों ने गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर के आदेश पर अत्याचारियों को देश की सीमा से बाहर खदेड़ने का काम किया था। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार का यह योगदान आज भी पीठ के लिए स्मरणीय है।