अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्रयागराज महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने बड़ी मांग रखी है। अखाड़ा परिषद ने मांग रखी कि कुंभ मेले में मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें नहीं लगाने का आदेश जारी किया जाए, पंडित धीरेंद्र शास्त्री समेत कई अन्य साधु-संतों ने भी इसका समर्थन किया है, जिसके बाद से महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश को लेकर बहस शुरू हो गई है।
महाकुंभ में मुस्लिमों के प्रवेश पर लगे रोक
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बड़ा बयान दिया है। महाकुंभ को लेकर उन्होंने कहा है कि महाकुंभ में मुसलमानों का प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। उन्हें खाने पीने की चीजों की दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जाए। महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि वे लोग थूक या पेशाब मिलाकर संत, तपस्वियों और साधु-संन्यासी का धर्म भ्रष्ट कर सकते हैं। इस महाकुंभ में पूरे देश से बड़े-बड़े साधु-संन्यासी आ रहे हैं।
भ्रष्ट हो सकता है साधु-संतों का धर्म
अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद महंत रविंद्र पुरी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि महाकुंभ के दौरान मुसलमानों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। ऐसा नहीं करने से साधु-संतों का धर्म भ्रष्ट हो सकता है। मुसलमान थूक जिहाद के जरिए साधु-संन्यासियों का धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश कर सकते हैं।
ना दी जाए दुकान लगाने की अनुमति
महंत रविंद्र पुरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कोई गैर मुसलमान या हिंदू मक्का में जा सकता है, मक्का में दुकान लगा सकता है। यदि नहीं तो महाकुंभ में भी मुसलमानों को एंट्री नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा समागम है। उन्होंने फिर दोहराया कि गैर सनातन धर्म के लोग माहौल बिगाड़ने के लिए खाने पीने के सामानों में पेशाब या थूक मिला सकते हैं, इस तरह की घटना दूसरे प्रदेशों में हो चुकी है। इससे सनातन धर्म के लोगों का धर्म भ्रष्ट हो सकता है। इस तरह की स्थिति पैदा ही ना हो इसलिए अच्छा है कि इन लोगों को महाकुंभ में भोजन, नाश्ता, जूस या अन्य खाने पीने के सामानों का दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
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