Fact Check: सुप्रिया सुले और नाना पटोले के वायरल ऑडियो की सच्चाई क्या?

महाराष्ट्र में बिटकॉइन के जरिए चुनावी फंडिंग के दावे के साथ एनसीसी (शरद पवार) नेता सुप्रिया सुले के वायरल ऑडियो क्लिप के फैक्ट चेक सामने आया है। जिसमें ऑडियो के एआई जेनेरेटेड होने की पुष्टि होती है।

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Vikram Jain
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Maharashtra Bitcoin case Fact Check of viral audio of Supriya Sule and Nana Patole
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बिटक्वाइन विवाद को लेकर महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ हुआ है। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर मतदान से एक दिन पहले 19 नवंबर की रात को सोशल मीडिया पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले (Supirya Sule) और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले का कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है। सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले पर चुनाव में अवैध रूप से बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के आरोप लगे है।

पूर्व IPS के सनसनीखेज आरोप

दरअसल, पूर्व IPS अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। पूर्व IPS का आरोप है कि 2019 में बिटकॉइन की धोखाधड़ी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र पीसीसी चीफ नाना पटोले शामिल थे। उन्होंने दावा किया है कि इन पैसों का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव में करने किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और साइबर क्राइम जांच को संभाल रहीं पूर्व डिप्टी पुलिस कमिश्नर भाग्यश्री नौटके भी बिटकॉइन की धोखाधड़ी में शामिल थे।

बीजेपी ने जारी की ऑडियो क्लिप

भारतीय जनता पार्टी ने इस कथित धोखाधड़ी को लेकर सबूत के रूप में कई ऑडियो क्लिप जारी किए हैं। बीजेपी ने दावा किया कि ये महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं, सुप्रिया सुले, नाना पटोले, आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता और एक ऑडिट फर्म र्म 'सारथी एसोसिएट्स' के कर्मचारी गौरव मेहता के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग हैं। बीजेपी ने दावा किया कि ये ऑडियो रिकॉर्डिंग सुप्रिया सुले और नाना पटोले द्वारा बिटकॉइन का दुरुपयोग कर राज्य में चुनावों के लिए फंड जुटाने के 'सबूत' हैं।

हालांकि, कई लोगों ने दावा किया है कि ये ऑडियो एआई (AI-generated) जेनरेटेड हैं। जबकि अजित पवार ने दावा किया कि इनमें से एक आवाज उनकी बहन की है और दूसरी उस व्यक्ति की है जिसके साथ मैंने काम किया है। वहीं, सुप्रिया सुले ने ऑडियो रिकॉर्डिंग को एआई जेनरेटेड बताया है। सुप्रिया सुले ने ऑडियो क्लिप को फेक बताते हुए चुनाव के दौरान मतदाताओं को गुमराह करने की ‘चाल’ बताते हुए चुनाव आयोग और साइबर क्राइम विभाग में शिकायत दर्ज कराई है।

क्या ये ऑडियोज एआई से तैयार हैं?

द सूत्र ने अपनी जांच में पाया कि सुप्रिया सुले के नाम से सोशल मीडिया वायरल ऑडियो डीपफेक है, जिसमें मैनिपुलेशन की संभावना काफी व्यापक (भारी छेड़छाड़) है, इन्हें जनरेटिव एआई टेक्निक से बनाया गया है। फैक्ट चेक में 3 एआई डिटेक्शन टूल्स का इस्तेमाल करके इन चारों ऑडियो क्लिप की जांच की।

पहला टूल TrueMedia है, जिसे ओरेन एत्ज़ियोनी जो कि वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं उन्होंने बनाया है। दूसरा है यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो का Deefake-O-Meter और तीसरा है Hiya कंपनी द्वारा निर्मित Deepfake Voice Detector, जो स्पैम और धोखाधड़ी के लिए कॉल्स को स्कैन करता है।

फैक्ट चेक में 3 प्रमुख टूल्स का इस्तेमाल

ट्रूमीडिया (TrueMedia):  इस टूल ने सभी चार ऑडियो नमूनों को एआई-जनित पाया, हालांकि नाना पटोले के कथित ऑडियो के बारे में यह टूल ज्यादा स्पष्ट नहीं था।

डीपफेक- ओ-मीटर (DeepFake-O-Meter) : इस टूल ने चार डिटेक्टरों के साथ पुष्टि की कि सुप्रिया सुले, अमिताभ गुप्ता, और गौरव मेहता के ऑडियो एआई द्वारा जेनरेटेड मानते हैं। लेकिन नाना पटोले के ऑडियो का विश्वास स्तर अपेक्षाकृत कम था। लेकिन इसके छह डिटेक्टरों में से 3 ने 80 प्रतिशत से ज्यादा विश्वास के साथ कहा कि यह एआई द्वारा जेनरेटेड था। 

हिया डीपफेक वॉइस डिटेक्टर (Hiya Deepfake Voice Detector):  इस टूल ने भी सुप्रिया सुले, अमिताभ गुप्ता और गौरव मेहता के ऑडियो को एआई-जनित बताया, जबकि नाना पटोले के ऑडियो को लेकर यह टूल अनिश्चित था, क्योंकि वह क्लिप केवल छह सेकंड लंबी थी, जिससे विश्लेषण में कठिनाई हो सकती है।

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