महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे। देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे, और अजित पवार के साथ राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इसके बाद तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शपथग्रहण की जानकारी दी। इस दौरान तीनों नेताओं के बीच हंसी मजाक भी देखने को मिली। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने NCP लीडर अजित पवार पर चुटकी लेकर जमकर ठहाके लगाए।
जानें क्या बोले एकनाथ शिंदे
दरअसल, पत्रकार ने सवाल किया था कि क्या अजित पवार और एकनाथ शिंदे भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, इस पर एकनाथ शिंदे ने कहा, अरे अभी तो मैंने और देवेंद्र फडणवीस ने बताया, कि शाम तक रुको तब बताता हूं, शिंदे अपनी बात रख ही रहे थे अजित पवार ने कहा कि शिंदे का शाम तक पता लगेगा लेकिन मैं तो कल शपथ लेने वाला हूं। इस पर एकनाथ शिंदे ने कहा, 'दादा (अजित पवार) को अनुभव है कि वह शाम-सुबह शपथ लेते हैं... इसके बाद वहां हंसी के जोरों के ठहाके लगने लगे।
हम तीनों एकजुट: फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि हम तीनों नेता एकजुट हैं। डिप्टी सीएम और सीएम केवल तकनीकी पद हैं। मैंने एकनाथ शिंदे से सरकार में शामिल होने और डिप्टी सीएम बनने का निवेदन किया था।
महायुति में कोई भेदभाव नहीं
एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुझे क्या मिल हो रहा है, यह प्रश्न नहीं था, हमारे मन में केवल यह भावना थी कि महाराष्ट्र को क्या लाभ हो रहा है। इसी पर हमने ध्यान केंद्रित किया। महायुति में कोई भेदभाव नहीं है। पिछली बार फडणवीस ने मेरे नाम की सिफारिश की थी, और इस बार मैं उनका नाम मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूं।
किस घटना को लेकर बोले एकनाथ शिंदे
दरअसल, 21 अक्टूबर 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों पर चुनाव हुए थे और 24 अक्टूबर को रिजल्ट आया था। इस चुनाव में किसी दल या गठबंधन द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था, जिसके बाद महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के चुनावी परिणाम के किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, सीएम पद की मांग को लेकर चली तनातनी के बीच शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन भी तोड़ लिया था। इसके बाद के बाद देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने सुबह-सुबह शपथ ले ली थी, इसमें देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और एनसीपी से अजित पवार ने डिप्टी सीएम बन रहे थे। उस समय अजित पवार का दावा था कि उन्हें एमसीपी के 54 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन बाद में यह सामने आया कि उनके साथ (अजित) 2 से 3 विधायक ही हैं।
तब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ और चाचा शरद पवार ने भी भतीजे अजित पवार के फैसले से किनारा कर लिया था। शरद पवार का आरोप था कि अजित ने पार्टी तोड़ा है। इसके बाद सरकार के लिए बहुमत नहीं मिलता देख अजित पवार और फडणवीस ने तीन ही दिन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शिवसेना से उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे।
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