MUMBAI. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा पहले पूरे राज्य में सियासी हलचल तेज है। चुनाव से पहले महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एकनाथ शिंदे सरकार ने देसी गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। इसको लेकर महायुति सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। महाराष्ट्र गाय को राज्यमाता का दर्जा देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
भारतीय संस्कृति में देसी गाय का विशेष महत्व
नोटिफिकेशन में महायुति सरकार ने कहा कि वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देसी गाय का महत्व, मानव आहार में गाय के दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद इलाज, पंचगव्य उपचार पद्धति और जैविक कृषि प्रणालियों में गाय का गोबर और गो मूत्र बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखते है। इस महत्व को ध्यान में रखते हुए देसी गाय को राज्यमाता घोषित किया गया है।
सब्सिडी योजना लागू करने का फैसला
जानकारी के अनुसार कैबिनेट की बैठक में देसी गायों के पालन-पोषण के लिए 50 रुपए प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का भी निर्णय लिया गया है। गोशालाएं अपनी कम आय के कारण खर्च वहन नहीं कर सकती थीं, ऐसे में गोशाला को मजबूत करने का निर्णय लिया गया। योजना को महाराष्ट्र गोसेवा आयोग ऑनलाइन लागू करेगा। प्रत्येक जिले में जिला गोशाला सत्यापन समिति होगी। 2019 में हुई 20वीं पशुगणना के अनुसार, देसी गायों की संख्या 46 लाख 13 लाख 632 तक कम हुई है। 19वीं जनगणना की तुलना में 20.69 प्रतिशत की कमी हुई है।
किसान के लिए वरदान है गाय
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देसी गाय हमारे किसानों के लिए वरदान है, इसलिए सरकार ने इन्हें यह राज्य माता का दर्जा देने का फैसला लिया है। हमने देसी गोमाता के परिपोषण और चारे के लिए भी मदद करने का निर्णय लिया है।
हिंदू संगठन कर रहे थे मांग
दरअसल, प्रदेश में हिंदू संगठन पिछले कुछ समय से गाय को राज्यमाता का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। जिसे अब सरकार ने मानते हुए गाय को राज्यमाता का दर्जा दे दिया है।
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