महाशिवरात्रि मनाने पाकिस्तान क्यों पहुंचे 62 भारतीय ?

पाकिस्तान ने भारत के 62 हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए अपने देश में हिंदू धार्मिक आयोजन के लिए वीजा जारी किया है। ये लोग लाहौर से 300 किलोमीटर दूर चकवाल जिले में श्री कटासराज मंदिर में तो महाशिवरात्रि के आयोजन में शामिल होंगे।

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Dr Rameshwar Dayal
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महाशिवरात्रि

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New Delhi. भारत में तो महाशिवरात्रि ( Mahashivratri )  की धूम है ही साथ ही हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) में भी इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है। इस पर्व को वहां मनाने के लिए 62 हिंदू भारतीय पाकिस्तान पहुंच चुके हैं। वह वहां चकवाल (Chakwal) क्षेत्र में मौजूद प्रसिद्ध पौराणिक मंदिर कटासराज (KatasRaj Temple) में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करेंगे। हम आपको बताएंगे कि कटासराज मंदिर का भगवान शिव से क्या नाता है। आपको यह भी बताते हैं कि पूरी दुनिया में भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर कहां पर है। 

पाकिस्तान में मनाई जाएगी शिवरात्री

पाकिस्तान ने भारत के 62 हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए अपने देश में हिंदू धार्मिक आयोजन के लिए वीजा जारी किया है। ये लोग लाहौर से 300 किलोमीटर दूर चकवाल जिले में श्री कटासराज मंदिर में तो महाशिवरात्रि के आयोजन में शामिल होंगे। उनके साथ पाकिस्तान के जाने-माने सामाजिक व धार्मिक नेता भी रहेंगे। बताते हैं कि 9 मार्च को इस मंदिर में महाशिवरात्रि का मुख्य समारोह आयोजित किया जाएगा। ये भारतीय तीर्थयात्री 10 मार्च को लाहौर लौट आएंगे और अगले दिन 11 मार्च को इस ऐतिहासिक शहर के कृष्ण मंदिर, लाहौर किला और लाहौर के अन्य ऐतिहासिक स्थानों का दौरा करेंगे। यह सभी यात्री 12 मार्च को वापस भारत कूच कर जाएंगे।

महाशिवरात्रि पर क्यों है खास कटासराज मंदिर

आपको मालूम ही है पाकिस्तान पहले भारत का ही एक अंग था, इसलिए भारतीय सभ्यता, संस्कृति और धर्म के प्राचीन अवशेष वहां आज भी मौजूद हैं। असल मे यह पौराणिक मंदिर भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि जिस तालाब के चारों ओर यह विशाल मंदिर बना है, उसे भगवान शिव के आंसुओं से भरा हुआ माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार भगवान शिव पत्नी सती के साथ इसी स्थान पर भी रह चुके हैं। लेकिन जब सती माता की मृत्यु हुई तो वह इस दुख को सह नहीं पाए, उनके आंखो से लगातार आंसू बहते रहे। भगवान शिव इतना अधिक रोए कि आसूंओं से इस स्थल पर दो तालाब बन गए। यह भी मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष प्राप्त होता है। यह भी कहा जाता है कि कटासराज मंदिर को प्राचीन समय में पांडवों ने बनाया था।

भारत में कहां है दुनिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर

पूरे भारत में भगवान शिव के अनगिनत मंदिर हैं और काशी में तो उनका वास माना जाता है। लेकिन आप हैरान होंगे कि भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर उत्तर भारत के बजाय दक्षिण भारत में है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर माना जाता है। इस मंदिर को अरुणाचलेश्वर (Arunachalesvara) शिव मंदिर कहा जाता है और यह तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य के तिरुवनमलाई (Thiruvannamalai) जिले में अन्नामलाई पर्वत की तराई में स्थित है। सावन के दौरान इस शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां भव्य मेला भी आयोजित किया जाता है। इस शिव मंदिर की विशेषता यह है कि भक्त अन्नामलाई पर्वत (Arunachala Hill) की 14 किलोमीटर लंबी परिक्रमा करने के बाद भगवान शिव से मन्नत मांगते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों की मांग पूरी करते हैं। आपको यह भी बता दें कि पूरी दुनिया में यह भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर है।

महाशिवरात्रि Mahashivratri