NEW DELHI. अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस नहीं जाएगी। मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी और RSS ने राजनीतिक लाभ के लिए ये कार्यक्रम आयोजित किया है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर शेयर किया लेटर
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया है। इसमें उसने राम मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने के फैसले का कारण बताया है। कांग्रेस ने लिखा है कि धर्म निजी मामला है, लेकिन बीजेपी और RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है।
कांग्रेस का पूरा बयान
पिछले महीने कांग्रेस प्रेसिडेंट और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के लीडर अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला था। भगवान राम हमारे देश के करोड़ों लोगों के पूजनीय हैं। धर्म एक निजी मामला है। लेकिन भाजपा/RSS ने अयोध्या के मंदिर को एक पॉलिटिकल प्रोजेक्ट बना दिया है। भाजपा और आरएसएस के नेताओं की तरफ से अधूरे मंदिर का उद्घाटन जाहिर तौर पर चुनाव में फायदा पाने के लिए किया जा रहा है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले का पालन करते हुए और उन करोड़ों लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा/RSS के इस इवेंट का निमंत्रण ससम्मान ठुकरा दिया है।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में करीब 25 लाख लोग होंगे शामिल
अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत करीब 6 हजार दिग्गज शामिल होंगे। 4 हजार संत और करीब 2200 मेहमान होंगे। 6 दर्शनों (प्राचीन विद्यालयों) के शंकराचार्य और करीब 150 साधु-संत भी रामलला प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मौजूद रहेंगे। करीब 25 लाख लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
ममता बनर्जी भी नहीं जाएंगी अयोध्या
राम मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल नहीं होंगी। बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) से कोई नेता शामिल नहीं होगा। हालांकि अब तक TMC ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
'बीजेपी राम मंदिर को स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल कर रही'
TMC के नेता रामलला प्राण प्रतिष्ठा को पॉलिटिकल इवेंट बता रहे हैं। उनका कहना है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए राम मंदिर को स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। इसलिए तृणमूल कांग्रेस इस इवेंट से दूरी बना रही है।