नई दिल्ली. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पांच दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। 28 जुलाई को उन्होंने सोनिया गांधी और अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। साफ है कि ममता ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ममता ने 7, महादेव रोड पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इरादे जाहिर कर दिए। इसमें उन्होंने नेशनल मीडिया के सवालों के बखूबी जवाब दिए। ममता से साफ कर दिया कि वे पूरे देश में जाएंगी। पूरा देश ही उनकी मातृभूमि है। मजबूती से कहा कि कंटीन्यू खेला होबे। पूरी कॉन्फ्रेंस के दौरान दीदी ने कई बार बंगाली में यह भी कहा कि लोगों के बीच चाय सर्व कीजिए।
सोनिया से मुलाकात
ममता ने कहा कि सोनिया जी ने मुझे चाय पर बुलाया था। वहां राहुल गांधी भी थे। हमने पेगासस मामले और देश में कोरोना के हालात पर चर्चा की। विपक्ष के एकजुट होने पर भी बात हुई। हमारी बातचीत अच्छी रही। अगर बीजेपी को हराना है तो सभी को एकसाथ मिलकर काम करना होगा। पढ़े, ममता से पूछे गए सवाल और उनके जवाब,...
आगामी चुनाव प्रचार के लिए क्या आप बनारस जाएंगी?
बनारस भी जाऊंगी, मथुरा भी जाऊंगी। पूरे देश में जाऊंगी, ये मेरी मातृभूमि है...सब जगह जाऊंगी।
बंगाल में खेला होबे कहकर आपने खेला कर दिया, लेकिन बंगाल में आपकी सत्ता थी। बंगाल आपको समझता है। देश और ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सत्ता है। चुनाव कैसे लड़ेंगी?
बंगाल के बाद अब देश में भी खेला होबे, कॉन्टीन्यू (लगातार) खेला होबे। हमारा स्लोगन यही रहेगा। हम देश के साथ मिलकर लड़ेंगे। जैसे बंगाल की जनता के साथ मिलकर लड़े। जब 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे तो यह मोदी बनाम देश होंगे।
चुनाव में आपकी रणनीति क्या होगी?
अभी दूसरी पार्टियों से मिलना है, उनसे बातचीत होनी है। उसके बाद ही हम अलायंस और हमारी रणनीति के बारे में बताएंगे। एक बात तय है ये चुनाव हम नहीं सत्तासीन पार्टी के खिलाफ देश लड़ेगा। पूरा देश त्रस्त हैं। जवाब देश देगा।
2019 में भी आपने कई क्षत्रपों के साथ मंच साझा किया कर मौजूदा बीजेपी की सत्ता को ललकारा था। तो इस बार क्या नया है?
हर दिन एक सा नहीं होता। तब से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल गया है।
आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं। उन्हें पता है कि इस बार आपके दिल्ली आने की योजना, राष्ट्रीय राजनीति में शिरकत करना है। कुछ तो एक्सप्रेशन दिए होंगे?
हम बहुत कुछ देखते हैं, लेकिन सब जाहिर नहीं कर सकते। मोदी जी से मुलाकात प्रोटोकाल का हिस्सा थी। बहुत कुछ बता नहीं सकती।
आपको आउसाइडर भी कहा जा रहा है?
नरेंद्र मोदी गुजरात से आकर देश में चुनाव लड़ सकते हैं, प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो वे इनसाइडर हैं। मैं बंगाल से आकर राष्ट्रीय राजनीति में शिरकत करूं तो आउटसाइडर हूं। क्यों? यह देश मेरा भी है। मैं इस फर्क को स्वीकार नहीं करती।
आपकी हिंदी बहुत अच्छी है, पहले मुकाबले और भी अच्छी हुई है?
मोदी जी से हिंदी सीखी और अमित शाह जी से गुजराती। केम छो-केम छो...।
आपने एनडीए के साथ भी काम किया, यूपीए के साथ भी काम किया, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी करीब से देखा, मनमोहन सिंह को भी और अब नरेंद्र मोदी को भी करीब से देखा, तीनों की कार्यशैली में क्या फर्क है?
तीनों में उतना ही फर्क है, जो A,B,C में होता है। तीनों के कैरेक्टर बिल्कुल अलग।