IMPHAL. मणिपुर में दो गुटों की हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही। ताजा घटना में केंद्रीय मंत्री के घर में आग लगा दी गई। मणिपुर सरकार के मुताबिक, भीड़ ने गुरुवार (15 जून) देर रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के कोंगबा स्थित आवास में आग लगा दी। गनीमत रही कि केंद्रीय मंत्री घटना के समय घर पर नहीं थे। इससे पहले उपद्रवियों ने 14 जून को इम्फाल पश्चिम के लाम्फेल क्षेत्र में एक मंत्री के घर को आग लगा दी थी। नेमचा किपगेन मणिपुर की बीजेपी सरकार में मंत्री हैं।
विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं। शुक्र है कि मेरे इम्फाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे। घर के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर को नुकसान पहुंचाया गया। मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है, उसे देखकर बहुत दुख है। मैं शांति की अपील करता रहूंगा। इस तरह की हिंसा में लिप्त लोग अमानवीय हरकतें कर रहे हैं।
#WATCH | Manipur: A mob torched Union Minister of State for External Affairs RK Ranjan Singh's residence at Kongba in Imphal on Thursday late night. https://t.co/zItifvGwoG pic.twitter.com/LWAWiJnRwc
— ANI (@ANI) June 16, 2023
14 जून को गई थी नौ लोगों की जान
इससे पहले 14 जून को ही खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उपद्रवियों के हमले में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हो गए थे। इस दौरान तीन व्यक्ति लापता भी बताए जा रहे थे। यह क्षेत्र मेइती-बहुल इफाल ईस्ट जिला और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा हुआ है। इस बीच मणिपुर में इंटरनेट सर्विस पर रोक की समयसीमा बढ़ा दी गई थी। अब मणिपुर में ब्रॉडबैंड समेत इंटरनेट सेवाएं को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है।
एक महीने से हालात ठीक नहीं
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच करीब एक महीने पहले भड़की हिंसा में 100 लोगों की जान जा चुकी है और 310 लोग घायल हुए हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद 3 मई को पहली झड़प हुई थी। उसके बाद से राज्य में अशांति है।