मणिपुर हिंसा: भीड़ ने जलाए 4 विधायकों के घर, CM के पैतृक घर तक पहुंचे

मणिपुर में फिर हिंसा भड़क उठी है। गुस्साई भीड़ ने भाजपा और कांग्रेस विधायकों के घरों को जला दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के पैतृक घर पर भी हमला करने की कोशिश की। मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए।

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Ravi Singh
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मणिपुर की इंफाल घाटी में बढ़ते तनाव के बीच गुस्साई भीड़ ने रविवार 17 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और कांग्रेस के एक विधायक के आवास पर हमला किया। अधिकारियों के अनुसार का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। हिंसा तब हुई जब जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिले, जिन्हें कथित तौर पर उग्रवादियों ने अगवा कर मार डाला था। इसके बाद इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके परिणामस्वरूप अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।

 मुख्यमंत्री निवास पर भी हमला

प्रदर्शनकारियों ने इंफाल ईस्ट जिले के लुवांगसांगबाम में स्थित मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक घर पर भी हमला करने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उन्हें प्रदर्शन से 100-200 मीटर पहले ही रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सिंह के घर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर टायर जलाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी।

विधायकों के घरों को बनाया निशाना

प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न इलाकों में भाजपा और कांग्रेस विधायकों के घरों में आग लगा दी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, हियांगलाम बाजार में भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी गई। हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ क्योंकि विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे।

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मुठभेड़ में मारे गए 10 आतंकवादी

जिरीबाम जिले में शनिवार को तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव बरामद किए गए। ये लोग पिछले हफ़्ते सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के बाद राहत शिविर से लापता हो गए थे। इसके बाद से इलाके में तनाव और हिंसा बढ़ गई है। आतंकवादियों पर इन मासूम लोगों को अगवा करने और बाद में उनकी हत्या करने का आरोप है। मुठभेड़ में 10 आतंकवादी भी मारे गए।

जल्द हो सैन्य कार्रवाई

मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI), जो राज्य के नागरिक समाज संगठनों का प्रतिनिधित्व करती है, ने उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की है। समिति ने AFSPA (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) को तत्काल हटाने की भी अपील की है, जिसे हाल ही में छह पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में फिर से लागू किया गया था।

मणिपुर हिंसा जारी

अधिकारियों का कहना है कि उग्रवादियों ने रात में जिरीबाम कस्बे में कम से कम दो चर्च और तीन घरों में आग लगा दी। वे अन्य ढांचों को भी जलाने की कोशिश कर रहे थे, हालांकि इन दावों की अभी पुष्टि नहीं हुई है। मणिपुर में यह हिंसा और तनाव राज्य के नागरिकों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है। प्रशासन और सुरक्षा बलों की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य में शांति बहाल करना अभी भी संघर्षपूर्ण है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने साधा पीएम कर निशाना

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आपकी डबल इंजन सरकार में मणिपुर न तो एकजुट है और न ही सुरक्षित है। मई 2023 से मणिपुर अकल्पनीय पीड़ा, विभाजन और हिंसा से गुजर रहा है, जिसने यहां के लोगों का भविष्य नष्ट कर दिया है। हम पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह रहे हैं कि ऐसा लगता है कि भाजपा जानबूझकर मणिपुर को जलता रखना चाहती है ताकि वह अपनी विभाजन की राजनीति जारी रख सके।

इस खबर से जुड़े सामान्य सवाल

मणिपुर में हिंसा की वजह क्या है?
मणिपुर में हिंसा का कारण जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शवों का मिलना है, जिन्हें कथित तौर पर उग्रवादियों ने अगवा कर हत्या कर दी थी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने विरोध स्वरूप कई विधायक आवासों पर हमले किए, और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक घर पर भी हमला करने की कोशिश की गई।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के घर पर क्या हुआ?
प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें 100-200 मीटर की दूरी पर रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़क पर टायर जलाकर यातायात अवरुद्ध कर दिया।
मणिपुर के विधायकों के घरों पर क्या हमला हुआ था?
इंफाल घाटी के विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों के घरों में आग लगा दी गई और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। निंगथौखोंग, हियांगलाम बाजार, और थौबल जिले में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों के घरों को निशाना बनाया गया, लेकिन विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे।
मणिपुर में हुई मुठभेड़ में कितने आतंकवादी मारे गए?
जिरीबाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में 10 आतंकवादी मारे गए। इसके बाद उग्रवादियों पर आरोप है कि उन्होंने तीन महिलाओं और तीन बच्चों को अगवा कर हत्या कर दी।
मणिपुर में बढ़ती हिंसा के बाद क्या कदम उठाए गए हैं?
मणिपुर सरकार ने इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) ने उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की है और AFSPA को हटाने की अपील की है। इसके बावजूद, राज्य में शांति बहाल करने में कठिनाई हो रही है।

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