New Delhi. दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अदालत ने जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया है। सिसोदिया को आबकारी नीति के मामले में सीबीआई और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने आरोपी बनाया है। आज राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। जमानत अर्जी में मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला दिया, साथ ही रिमांड अवधि में पूरी पूछताछ हो जाने की भी दलील दी। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक के लिए बढ़ा दी है। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 27 मई को खत्म हो गई थी।
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हाईकोर्ट का करेंगे रुख
माना जा रहा है कि निचली अदालत से राहत न मिलने के बाद अब जल्द ही मनीष सिसोदिया हाईकोर्ट का रुख करेंगे। लेकिन तब तक उन्हें जेल में रहना पड़ेगा। अदालत के इस रुख के बाद उनके पास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का ही विकल्प रह गया है। मनीष सिसोदिया की ओर से पेश अधिवक्ता ऋषिकेश ने तर्क दिया कि अपूर्ण चार्जशीट , अपूर्ण जांच के आधार पर उनके मुवक्किल को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार जमानत का अधिकार है। सीबीआई को बताना चाहिए कि मामले की जांच पूरी हुई या नहीं।
ईडी की ओर से दर्ज कराई गई आपत्ति
जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने जमानत अर्जी पर आपत्ति लगाई। आपत्ति में कहा गया कि मामले की जांच महत्वपूर्ण चरण में है। आप के वरिष्ठ नेता ने यह दिखाने के लिए मनगढंत ई-मेल तैयार किए थे कि शराब नीति को सार्वजनिक स्वीकृति हासिल थी। उभय पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात अदालत ने मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
पत्नी की तबीयत है खराब
बता दें कि हाल ही में मनीष सिसोदिया की बीमार पत्नी को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वे एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। मनीष सिसोदिया शुरूआत से ही अपनी जमानत अर्जियों में पत्नी की बीमारी का हवाला देते आए हैं। वहीं उनका बेटा विदेश में पढ़ाई कर रहा है।