New Delhi. शराब घोटाले मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें भले ही कम न हुई हों लेकिन वे जेल के अंदर रहकर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। अब सिसोदिया ने जेल से ही देश के नाम एक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने अपने नेता अरविंद केजरीवाल के उठाए मुद्दे को बल दिया है। सिसोदिया ने चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री मोदी के डिग्री विवाद को तूल देने हुए कहा है कि कम पढ़ा लिखा प्रधानमंत्री देश के लिए बेहद खतरनाक है।
पीएम के बयानों को बनाया आधार
सिसोदिया ने अपने लेटर में लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी विज्ञान की बातें नहीं समझते इसलिए उन्होंने नाले की गैस से खाना पकाने वाला बयान दिया था। साथ ही सिसोदिया ने पीएम के उस बयान का भी जिक्र किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बादलों के पीछे उड़ते जहाज को रडार कैच नहीं कर पाता। सिसोदिया ने कहा है कि बीते कुछ सालों में प्रधानमंत्री ने 60 हजार स्कूल बंद किए हैं।
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यह है खत का मजमून
‘आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। दुनिया भर में विज्ञान और टेक्नॉलॉजी में हर रोज नई तरक्की हो रही है। सारी दुनिया ऑफिशियल इंटेलिजेंस की बात कर रही है। ऐसे में जब में प्रधानमंत्री को ये कहते हुए सुनाता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है, तो मेरा दिल बैठ जाता है। क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है? नहीं। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि बादलों के पीछे उड़ते जहाज को रडार नहीं पकड़ सकता तो पूरी दुनिया के वो लोगों में तो हास्य के पात्र बनते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे उनका मजाक बनाते हैं।’
राष्ट्राध्यक्षों से होने वाली डील पर भी उठाए सवाल
मनीष सिसोदिया ने पत्र में आगे लिखा, ‘उनके (पीएम मोदी)इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतरनाक हैं। इसके कई नुकसान जैसे पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े- लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है। दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्ष जब प्रधानमंत्री से गले मिलते हैं तो एक-एक झप्पी की भारी कीमत लेकर चले जाते हैं। बदले में न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री तो समझ ही नहीं पाते कि क्योंकि वह तो कम पढ़े लिखे हैं।’