Aadhar, PAN News
भारत सरकार ने नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आधार कार्ड और पेन कार्ड की जानकारियां उजागर करने वाली तमाम वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है। साथ ही राज्य के आईटी सचिव को डेटा गोपनीयता उल्लंघन के लिए शिकायतों को हल करने और मुआवजा अधिकार दिया गया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर इसको लेकर जानकारी दी।
UIDAI की शिकायत के बाद कार्रवाई
यह कदम भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से आधार डाटा के पब्लिक डिस्प्ले को लेकर पुलिस के पास दर्ज कराई गई एक शिकायत के बाद लिया गया है। यह आधार एक्ट 2016 का उल्लंघन है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जारी बयान में कहा कहा गया कि केंद्र सरकार ने आधार और पैन कार्ड डिटेल्स समेत संवेदनशील जानकारी को उजागर करने वाली कई वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है।
भारत सरकार सुरक्षित और भरोसेमंद, जवाबदेह इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बयान में कहा गया है कि इसे मामले को गंभीरता से लिया गया है क्योंकि सरकार सुरक्षित साइबर सुरक्षा प्रथाओं और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इसको लेकर इन वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए कार्रवाई की गई है। सरकार ने कहा कि वह उल्लंघन के जवाब में साइबर और व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है।
ब्लॉक वेबसाइट्स में मिली खामियां
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-IN) की जांच में इन वेबसाइटों में वेबसाइटों में सुरक्षा को लेकर कमजोरियां पाई गईं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि साइट ऑपरेटरों को खामियों को ठीक करने के लिए अपने आईटी बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए मार्गदर्शन दिया गया है। साथ ही CERT-IN ने आईटी उपकरण को संभालने वाली सभी संस्थाओं के लिए सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। संस्थाओं के लिए सुरक्षित एप्लीकेशन डिजाइन, विकास, कार्यान्वयन और संचालन के निर्देश दिए है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत सूचना सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है।
राज्यों के आईटी सचिवों को अधिकार
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (2023) के तहत मौजूदा नियमों का हवाला देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि प्रभावित लोगों को राज्य द्वारा नियुक्त निर्णय अधिकारियों के माध्यम से मुआवजे की मांग कर सकते हैं। कोई भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित पक्ष शिकायत दर्ज करने और मुआवजे की मांग के लिए आईटी अधिनियम की धारा 46 के तहत निर्णय अधिकारी से संपर्क कर सकता है। राज्यों के आईटी सचिवों को आईटी अधिनियम के तहत निर्णायक अधिकारी के रूप में अधिकार दिया गया है।
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