BHOPAL. डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही शिवरंजनी तिवारी ने गंगोत्री से बागेश्वर धाम तक के लिए सिर पर कलश रखकर पदयात्रा शुरू की है। शिवरंजनी अभी 20 साल की हैं और एमबीबीएस की स्टूडेंट हैं। उनका कहना है कि इस यात्रा का मकसद क्या है, इसका खुलासा 16 जून को धीरेंद्र शास्त्री खुद कर देंगे, क्योंकि वो मन की बात जान लेते हैं। इस दौरान शिवरंजनी ने धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ कहकर संबोधित किया।
चित्रकूट में साधु-संतों से लिया आशीर्वाद
गौरतलब है कि शिवरंजनी तिवारी मूल रूप से मध्य प्रदेश के सिवनी की रहने वाली है और जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के परिवार से ताल्लुक रखती है। उसने खैरागढ़ से 8 साल तक संगीत की शिक्षा हासिल की है। शनिवार (3 जून) को उसकी पदयात्रा चित्रकूट के संतोषी अखाड़ा पहुंची। यहां उसने साधु-संतों से आशीर्वाद लिया। साथ ही मंझी हुई गायिका की तरह भजनों की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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यात्रा के मकसद का खुलासा 16 जून को होगा
इस दौरान कहा कि किस मकसद से गंगोत्री धाम से बागेश्वर धाम तक कलश लेकर पदयात्रा शुरू की है, इसका खुलासा 16 जून को धीरेंद्र शास्त्री और वो खुद करेगी। मन की बात जानने वाले बागेश्वर धाम सरकार उसके मन की बात भी बताएंगे। यात्रा में उसके साथ पिता, भाई और अन्य लोग भी शामिल हैं।
हर कोई कहता है कि मैंने यात्रा इसलिए शुरू की...
शिवरंजनी का कहना है कि गंगा कलश यात्रा गंगोत्री धाम से शुरू की है। जब से ये कलश रखा है, तब से तरह-तरह की बातें हो रही हैं। हर कोई कहता है कि मैंने ये यात्रा इसलिए शुरू की है क्योंकि मनचाहा वर पाना चाहती हूं। कई लोग कह रहे हैं कि मैं अपने हाथों में फूलों की माला लेकर जा रही हूं, जिसे धीरेंद्र शास्त्री के गले में डालने वाली हूं। लोगों को बताना चाहूंगी कि महाराज श्री अंतर्यामी हैं... प्राणनाथ हैं... भगवान हैं... वो मन की बात जान लेते हैं। मैं सभी से कहना चाहती हूं कि 16 जून तक का इंतजार कीजिए।
महाराज जी 16 जून को लाइव होंगे, खुद बता देंगे मेरे मन की बात
शिवरंजनी ने आगे कहा, "16 जून को महाराज जी मेरे साथ लाइव होंगे तो खुद ही बता कि देंगे मेरे मन में क्या है। वो खुद ही बता देंगे कि मैंने ये यात्रा क्यों निकाली। मैं ये क्यों बताऊं कि मेरे मन में क्या है। महाराज जी खुद बताएंगे। कुछ बातें राज ही अच्छी लगती हैं। मैं मन के भाव अभी प्रकट नहीं कर सकती।"
'कलश यात्रा तो करनी ही है, तो सोचा क्यों ना बागेश्वर धाम चली जाऊं'
शिवरंजनी ने कहा कि "मैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बहुत सालों से फॉलो कर रही हूं। साल 2021 से उनके हर वीडियो देखती हूं। इसी वजह से मेरे मन में भक्ति जगी। इसके बाद मैंने सोचा कि मुझे कलश यात्रा तो करनी ही है, तो क्यों ना बागेश्वर धाम चली जाऊं।"