दिल्ली के उप राज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा दायर किए गए आपराधिक मानहानि के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर दोषी करार दिए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें कोर्ट के आदेश के तहत गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी साकेत कोर्ट के उस आदेश के बाद हुई जिसमें 23 अप्रैल को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (Non-bailable Warrant) जारी किया गया था। कोर्ट ने इससे पहले मेधा पाटकर को एक वर्ष के लिए प्रोबेशन पर रिहा करने का आदेश दिया था, साथ ही उन्हें 1 लाख रुपए का प्रोबेशन बॉन्ड भरने का निर्देश दिया गया था। लेकिन उन्होंने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिससे कोर्ट को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करना पड़ा।
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नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर 20 साल पुराने केस में दोषी करार
इससे पहले सुनवाई के दौरान उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कोर्ट से अपील की थी कि मेधा पाटकर को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मेधा की याचिका तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण है क्योंकि उस पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। इसके बाद कोर्ट ने पाटकर को निर्देश दिया था कि वे हस्ताक्षरित प्रति (Signed Copy) ईमेल के माध्यम से कोर्ट को भेजें।
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क्या है मामला
यह मामला वर्ष 2001 का है, जब वी.के. सक्सेना नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज, अहमदाबाद स्थित एक एनजीओ के प्रमुख थे। उस समय उन्होंने पाटकर के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। अब जाकर कोर्ट ने इस केस में सजा सुनाई है, और गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मेधा पाटकर को दोबारा साकेत कोर्ट में पेश किया। पाटकर ने 25 नवंबर 2000 को एक प्रेस नोट जारी कर सक्सेना को कायर व देश विरोधी होने और उन पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया था।
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दशकों से कर रहीं संघर्ष
मेधा पाटकर एक प्रसिद्ध भारतीय समाजसेविका और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने विकास के नाम पर विस्थापित होने वाले लोगों के हक के लिए दशकों से संघर्ष किया है। वे विशेष रूप से "नर्मदा बचाओ आंदोलन" की प्रणेता के रूप में जानी जाती हैं। मेधा पाटकर का सबसे प्रमुख आंदोलन "नर्मदा बचाओ आंदोलन" है, जिसकी शुरुआत 1985 में हुई थी। यह आंदोलन नर्मदा घाटी में बनने वाले बड़े बांधों से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर शुरू किया गया था। इस आंदोलन ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। मेधा पाटकर को उनके कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं, जिनमें शामिल हैं।
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