Medicine Price Hike: कल यानी 1 अप्रैल से 800 दवाओं की कीमत बढ़ने जा रही है। इन दवाओं में सभी जरूरी पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटी- इंफेक्शन की दवाएं शामिल हैं। दरअसल दवाओं के होलसेल प्राइस इंडेक्स ( WPI ) में सरकार ने कई बदलाव किए गए हैं। साथ ही सरकार ने राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची (NLEM) में भी 0.0055 प्रतिशत में बढ़ोतरी की है। इसका सीधा असर दवाओं की कीमतों पर आएगा।
130 फीसदी तक ज्यादा दाम चुकाना होंगे
बता दें कि दवाओं की कीमतों में 15 से 130 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। पेरासिटामोल में 130 प्रतिशत की बढ़ोतरी है तो वहीं एक्सीसिएंट्स के दाम 18-262 प्रतिशत बढ़े हैं। इसके अलावा अन्य कई दवाओं की कीमत बढ़ी है। इससे पहले 2022 में दवाओं की कीमत में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक दवाओं की कीमत में बढ़ोतरी की मंजूरी साल में एक बार ही दी जा सकती है।
इन दवाओं पर सीधा असर पड़ेगा
महंगी होने वाली दवाओं की लिस्ट में पेरासिटामोल, एज़िथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक्स, एनीमिया-विराधी दवाएं, विटामिन और आयरन शामिल हैं। कोविड-19 की बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं और स्टेरॉयड भी इस लिस्ट में हैं। ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स क्रमश: 263 प्रतिशत और 83 प्रतिशत महंगे हुए हैं। इंटरमीडिएट्स की कीमतें 11 से 175 प्रतिशत के बीच बढ़ी हैं, वहीं पेनिसिलिन जी 175 प्रतिशत महंगा हो गया है।
एक अप्रैल से महंगी होगी दवाइयां
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने एक नोटिस जारी कर इसके बारे में बताया है। नोटिस के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में सालाना बदलाव के अनुरूप, केंद्र सरकार ने आवश्यक दवाओं की नेशनल लिस्ट के तहत दवाओं की कीमतों में .0055 प्रतिशत की बढ़ोतरी के लिए इजाजत दे दी है। इन आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1 अप्रैल से मामूली बढ़ोतरी होगी।