MUMBAI. एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने उन्हें और उनके गुट के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने से इनकार कर दिया। सभी की सदस्यता बरकरार रहेगी।
असली शिवसेना
विधानसभा में 1200 पेज के फैसले के मुख्य बिंदुओं को पढ़ते हुए स्पीकर ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के 55 में से 37 विधायक हैं। उनके नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है। चुनाव आयोग ने भी यही फैसला दिया था।
विधानमंडल में किसके पास था बहुमत ?
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना है। शिवसेना का 1999 का संविधान ही मान्य है। उन्होंने कहा कि संविधान में हुआ संशोधन रिकॉर्ड में नहीं है। मैंने चुनाव आयोग के रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर फैसला लिया। शिवसेना में फैसले लेने के लिए सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय कार्यकारिणी है।
किन बिंदुओं पर हुआ फैसला
महाराष्ट्र राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के 2018 के संशोधित संविधान के अनुसार शिवसेना के नेतृत्व ढांचे पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 2013 और 2019 में नेतृत्व चुनने के लिए शिवसेना में कोई चुनाव नहीं हुआ। इसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं।
शिवसेना (यूबीटी) को पहला बड़ा झटका। महाराष्ट्र राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना के संशोधित संविधान को मानने से इनकार कर दिया, लेकिन पुराने और असंशोधित संविधान के आधार पर ही आदेश देने का फैसला किया।
महाराष्ट्र राज्य विधानसभा ने कहा कि ईसीआई ने पार्टी के रूप में प्रस्तुत और स्वीकार किए गए संविधान पर विचार किया जाएगा, न कि हाल ही में 2018 में किए गए संशोधित संविधान पर। उन्होंने फैसला देते समय संशोधित संविधान पर विचार करने की शिवसेना (यूबीटी) की मांग को खारिज कर दिया।
महाराष्ट्र राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपने आदेश में कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद, यह स्पष्ट है कि संविधान और अन्य मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं है। निर्विवाद संविधान माना जाएगा न कि 2018 में किया गया संशोधित संविधान। यह संविधाना 1999 का है।