सरकार अब एक्शन मोड में नजर आ रही है। दरअसल सरकार ने हाल ही में कुछ मोबाइल यूजर्स की पहचान की है, जिसके मोबाइल फोन को ब्लैकलिस्ट किया जाना वाला है। यानी वो लोग अब दोबारा अपना फोन इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ( DoT ) ने इस मामले में रिलायंस जियो ( jio ), भारती एयरटेल ( Airtel ), वोडाफोन-आइडिया और अन्य टेलिकॉम ऑपरेटर को 28 हजार 200 मोबाइल फोन को बंद करने का निर्देश दिया है।
इन स्मार्टफोन को बंद करने का निर्देश
सरकार ने साइबर क्राइम में शामिल होने वाले करीब 28 हजार 200 मोबाइल को बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से तत्काल प्रभाव से 20 लाख मोबाइल कनेक्शन का री-वेरिफिकेशन करने का निर्देश भी दिया है।
सरकार ने तैयार की टीम
जानकारी के मुताबिक दूरसंचार विभाग ( DoT ), केंद्री गृह मंत्रालय ( Union Home Ministry ) और राज्यों की पुलिस ने मोबाइल साइबर क्राइम ( mobile cyber crime ) और ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड ( online banking fraud ) को रोकने के मकसद से एक ज्वाइंट एक्शन टीम बनाई है। ये टीम फ्रॉड करने वालों के नेटवर्क को नष्ट करने के लिए बनाई गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों के पुलिस ने 28 हजार 200 मोबाइल हैंडसेट की पहचान की है, जो साइबर क्राइम में शामिल रहे हैं, इन्हें बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही 20 लाख संदिग्ध मोबाइल फोन की दोबारा से जांच करने का निर्देश भी दिया गया है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट की ओर से 10 हजार 834 मोबाइल नंबर को लेकर रेड फ्लैग जारी किया गया है।
कौन से मोबाइल पर खतरा
दूरसंचार विभाग ( Department of Telecommunications ) की ओर से साइबर अपराध और धोखाधड़ी या फर्जी दस्तावेजों पर लिए गए मोबाइल कनेक्शन की पहचान की है और इसके बाद करीब 1.58 लाख IMEI बेस्ड मोबाइल डिवाइस को ब्लॉक कर दिया गया है। इसी के साथ 30 अप्रैल तक ही DoT ने 1 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए थे। आंकड़ों की मानें, तो 30 लाख कनेक्शन को यूजर्स के फीडबैक के आधार पर काटा गया है, जबकि 53.78 लाख सिम कार्ड को एक तय लिमिट से ज्यादा होने पर काट दिया गया था।