NEW DELHI. सरकार किसी की भी हो, विज्ञापनों पर जमकर खर्च होता है। न्यूज लॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्ता में आने के 2,528 दिनों में मोदी सरकार ने कुल 23 अरब 3 करोड़ 44 लाख 40 हजार 961 रुपए सिर्फ प्रिंट मीडिया को दिए गए विज्ञापन पर खर्च किया। इस हिसाब से देखें तो जनता के टैक्स का करीब 71 लाख रुपया रोज सिर्फ अखबारी विज्ञापन पर खर्च हो रहा है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि 9 सालों में हुए विज्ञापन के खर्च की 50% से ज्यादा राशि (16 अरब 71 करोड़ 12 लाख 11 हजार 741 रुपए ) करीब 30 मीडिया संस्थानों को मिली। बाकी रकम में दूसरे अखबार शामिल थे। अलग-अलग साल में सरकारी विज्ञापन पाने वाले अखबारों की संख्या अलग-अलग रही है, जैसे 2015-16 में यह संख्या 8315 तो वहीं 2022-23 में यह संख्या 3123 थी।
एक तरफ मोदी के बयान और दूसरी तरफ ऐड पर खर्च की जा रही रकम
- नवंबर 2022 में में दिल्ली का कालकाजी-गोविंदपुरी इलाके में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के पुनर्वास के लिए 3,024 ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिक वीकर क्लास, आर्थिक रूप से कमजोर) आवासों का उद्घाटन किया था। इसमें उन्होंने दिल्ली की आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘केंद्र सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापनों का कोई सहारा नहीं लिया। हमारी सरकार लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने में यकीन रखती है, चेहरा चमकाने में नहीं।’’
न्यूज लॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर एक फरवरी 2023 तक मीडिया में विज्ञापन पर करोड़ों नहीं, अरबों रुपए खर्च किए हैं।
ऐड को लेकर केजरीवाल सरकार और एलजी की तनातनी
दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने 20 दिसंबर 2022 को आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए की वसूली का आदेश दिया था। यह आदेश राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के लिए दिया गया था। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश, दिल्ली हाईकोर्ट के 2016 के आदेश और 2016 के ही कमेटी ऑन कंटेंट रेग्यूलेशन इन गवर्मेंट एडरवरटाइजिंग (सीसीआरजीए) के आदेश के मद्देनजर आया था। आरोप था कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने आदेशों का उल्लंघन किया किया। एलजी के आदेश के बाद दिल्ली बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को जनता के पैसे से अपना प्रचार करने वाला नेता बताया था। पार्टी ने कहा था कि जनता के पैसे से अपनी इमेज चमकाने के कारण ही केजरीवाल अब तक दिल्ली की जनता को साफ पानी तक मुहैया नहीं करा सके।