मोदी 28 मई को करेंगे नई संसद का उद्घाटन, 1272 सांसद बैठ सकेंगे, जानें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और नई पार्लियामेंट में सुविधाएं

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Pratibha Rana
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मोदी 28 मई को करेंगे नई संसद का उद्घाटन, 1272 सांसद बैठ सकेंगे, जानें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और नई पार्लियामेंट में सुविधाएं

NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस बात की जानकारी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार (18 मई) को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उन्होंने पीएम मोदी को नए संसद भवन के इनोग्रेशन के लिए इंवाइट किया। भविष्य में संसद के दोनों सदनों में सांसदों की संख्या बढ़ाने की संभावना का नए संसद भवन के निर्माण में ख्याल रखा गया है। इसमें 1,224 (लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 384) सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। 



सावरकर की जयंती पर देश को मिलेगी नई संसद 



नए संसद की नए इमारत का निर्माण करीब दो साल पहले शुरू हुआ था। संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है। नया भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है। नए इमारत सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है। वीर सावरकर की जयंती पर पीएम मोदी संसद का उद्घाटन करेंगे। बता दें, वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ था। इस साल ( 2023) 28 मई को उनकी 140वीं जयंती है। 



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एक साथ बैठ सकेंगे 1272 सांसद



वर्तमान में संसद भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्य बैठ सकते है। लेकिन नए सांसद में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चेंबर में ही होगा। संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्ररी, कई समिति कक्ष, डाइनिंग एरिया और पार्किंग जैसी सुविधाएं दी जा रही है। 



भारतीय संस्कृति में त्रिभुज (त्रिकोण) की काफी अहमियत



नया संसद भवन त्रिभुजाकार है। ये वास्तु के हिसाब से तय किया गया है। त्रिभुज का हमारी संस्कृति में खासा महत्व है। त्रिभुज का जिक्र हमारी वैदिक संस्कृति में भी मिलता है, जिसे त्रिकोण कहा जाता है। ध्यान के दौरान इस आकार से मस्तिष्क को स्थिर होने में मदद मिलती है। कई तरह के तांत्रिक अनुष्ठानों के दौरान तिकोनी आकृति का काफी महत्व है और मान्यता है कि इस आकृति से ही अनुष्ठान पूरा हो पाता है। इसकी जगह गोल घेरा बनाना या कोई दूसरी आकृति का इस्तेमाल काम नहीं बनाता है। 



तीन दिशाओं की ओर तीन छोर वाला त्रिभुज अलग-अलग तरीके से अलग असर दिखाता है। अगर त्रिकोण ऊपर की ओर हो तो इसका मतलब उसमें अग्नि, लिंग और पुरुष तत्वों की भरमार है और उसी से जुड़े अनुष्ठान किए जा सकते हैं।



नए संसद भवन में तीन गेट होंगे



नए संसद भवन में तीन मुख्य गेट होंगे। इनका नाम ज्ञान गेट, शक्ति गेट और कर्म गेट होगा। इस भवन में सांसदों, VIPs के अलग से एंट्री होगी। वहीं अन्य विजिटर अलग गेट से प्रवेश करेंगे। यहां एक लाइब्रेरी, कई समितियां और डाइनिंग रूम होंगे। भवन की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। कहा जा रहा है कि इस विशाल हॉल में संविधान की प्रति रखी जाएगी। इसके अलावा महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और भारत के अन्य प्रधानमंत्रियों की बड़ी फोटोज भी संसद भवन में मौजूद होंगी। 


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