NEW DELHI. तकनीक के दौर में भारत दिन-ब-दिन तरक्की के पथ पर है। भारत अब एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (19 अगसत) को ‘G20 डिजिटल’ अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक में बड़ा एलान करते हुए कहा कि हम एआई संचालित भाषा अनुवाद मंच 'भाषिणी' का निर्माण कर रहे हैं। यह भारत की सभी विविध भाषाओं में डिजिटल समावेशन का समर्थन करेगा। मोदी बैठक को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पीएम ने भारत के तेजी से होते डिजिटलीकरण की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा, भारत में 85 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जो दुनिया में सबसे सस्ती डेटा लागत का आनंद ले रहे हैं। मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हमने शासन को अधिक कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है।
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डिजिटल पेमेंट में भारत सबसे आगे, सरकारी सहायता का लाभ सीधा बैंक खाते में
अपने संबोधन में मोदी ने कहा, डिजिटल पेमेंट में भी भारत सबसे आगे है। उन्होंने कहा, वैश्विक रियल टाइम डिजिटल पेमेंट का 45% भारत में होता है। उन्होंने आगे कहा, देश में अब सरकारी सहायता का लाभ सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर करने पर भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी है। इससे 33 बिलियन डॉलर से अधिक की बचत भी हुई है।
जेम ट्रिनिटी से फायदा : जन धन बैंक खाते, आधार और मोबाइल की शक्ति का उपयोग
बैठक में पीएम ने कहा, हमारा अद्वितीय डिजिटल पहचान प्लैटफॉर्म आधार, हमारे 130 करोड़ लोगों को कवर करता है। मोदी ने आगे कहा, हमने भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांति लाने के लिए जेम ट्रिनिटी - जन धन बैंक खाते, आधार और मोबाइल की शक्ति का उपयोग किया है। इसी के साथ हर महीने हमारी त्वरित भुगतान प्रणाली, यूपीआई पर लगभग 10 अरब लेनदेन होते हैं। मोदी ने कहा कि नौ वर्षों में भारत का डिजिटल परिवर्तन अभूतपूर्व है। यह सब 2015 में हमारी 'डिजिटल इंडिया' पहल की शुरुआत के साथ शुरू हुआ।