राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश के अमरोहा पहुंचे थे। अमरोहा में भागवत ने बच्चों के सवालों के जवाब दिए। उनसे बच्चों ने कुछ मासूम से सवाल किए थे। एक स्टूडेंट ने भागवत से पूछा कि आप देश के पीएम क्यों नहीं बने? इस पर RSS प्रमुख ने बड़ा मजेदार जवाब दिया।
आप देश के पीएम क्यों नहीं बनें ?
दरअसल मोहन भागवत मंगलवार को अमरोहा पहुंचे थे। यहां उन्होंने चोटीपुरा में स्थित श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के समारोह में शिरकत की। स्टूडेंट्स ने उनसे कई सवाल पूछे। इस दौरान एक छात्रा ने पूछा अपने प्रभावपूर्ण व्यक्तित्व के कारण आप आरएसएस के संचालक होने के साथ देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते थे, लेकिन आप देश के पीएम क्यों नहीं बने ?
पूरा जीवन समर्पित करने के लिए हम संघ में आए हैं- भागवत
इसका जबाव देते भागवत ने कहा कि यहां जितने भी हम आरएसएस के बैठे हैं, सब ऐसे ही हैं। कुछ होने के लिए हम इधर नहीं आए हैं। हम अपने आपको संघ में पूरा जीवन समर्पित करने के लिए आए हैं, नहीं तो आदमी भी घर नहीं छोड़ सकता है। हमने सोचा हमारी क्या हस्ती है। देश बने इसलिए इसमें पूरा विलीन होकर काम करना है। मेरी इच्छा है कि मैं इस शाखा को अच्छे से चलाऊं।
जीवन के संघर्षों के बारे में भागवत का जबाव
वहीं एक स्टूडेंट ने भागवत से पूछा कि हम आपके जीवन के उन संघर्षों को जानना चाहते हैं, जिन्हें पार करके आप एक सफल व्यक्ति बने हैं ? इसपर भागवत ने जबाव देते हुए कहा कि मेरे बारे में जानने की ज्यादा जिज्ञासा है, सभी को। मेरे बारे में जो सुना, ऐसा मैं अकेला नहीं हूं, संघ के सभी कार्यकर्ता ऐसे ही होते हैं। जीवन में संघर्ष क्या होता है। हम जो वास्तविक हैं, उस पर बुद्धि, मन व शरीर का आवरण करें। अहंकार को हावी न होने दें। हालांकि मनुष्य को भौतिक जीवन जीने के लिए थोड़ा अहंकार भी जरूरी है। एक दूसरे के सहायक भी बनें।
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