New Delhi. देश में महंगाई दर की दिशा देखकर नीति बनाने वाली समिति मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक गुरुवार (10 अगस्त) को खत्म हो जाएगी। समिति के अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास गुरुवार (10 अगस्त) को बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा कर देंगे। जानकारों के अनुसार, इस बात की संभावना नहीं है कि आरबीआई गवर्नर अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों के केंद्रीय बैंकों की तर्ज पर भारत में ब्याज दरों को लेकर कोई बदलाव करेंगे। देश में महंगाई का दौर चल रहा है। ऐसे में तीन दिन के मंथन के बाद आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का कदम उठा सकती है। ऐसे में होम, ऑटो समेत कई लोन महंगा होने की संभावना कम है। ना ही कर्ज के ब्याज में कोई बढ़ोतरी हो सकती है।
बैंक ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए नए उपायों की हो सकती है घोषणा
कुछ समय से जिस तरह से देश में टमाटर, गेहूं और कुछ दूसरे खाद्य उत्पादों की कीमतों को तेजी का रुख रहा है। महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है। ऐसे में मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों पर देश की उम्मीदें टिक गई हैं। अब आरबीआई गवर्नर क्या टिप्पणी करते हैं, इस पर निश्चित तौर पर सभी की नजर रहेगी। इनके फैसले से महंगाई का अगला पायदान तय होगा। जानकारों के अनुसार, महंगाई की दर अभी बहुत परेशान करने वाली नहीं है। हालांकि बैंक ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कुछ नए उपायों की घोषणा जरूर हो सकती है।
संभावना : लगातार तीसरी बार वैधानिक ब्याज दरों में नहीं होगा बदलाव
मास्टर कैप्टिल सर्विसेज की निदेशक पल्का अरोड़ा चोपड़ा के अनुसार, इस बात की पूरी संभावना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार वैधानिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने को लेकर कदम उठाया जा सकता है। महंगाई की दरघट कर पांच फीसद के करीब आ गई है, लेकिन एहतियाती कदम उठाते हुए आरबीआई कुछ दूसरे कदम उठा सकता है, जिससे महंगाई को थामने में मदद मिले।
जून में करीब 4.81 % तक रही महंगाई दर
जून 2023 में खुदरा महंगाई की दर 4.81 फीसद रही है। यह आरबीआई की तरफ से तय लक्ष्य के दायरे में है, लेकिन पिछले तीन महीनों की सबसे ऊंची दर बताई जार रही है। हालांकि महंगाई की दर में थोड़ी-बहुत और वृद्धि हो सकती है। आगे ब्याज दरों में गिरावट होगी या नहीं यह इस बात से तय होगा कि आर्थिक विकास दर क्या रहती है और अमेरिका का केंद्रीय बैंक क्या फैसला करता है? अगर जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5 फीसद से नीचे आती है या अमेरिका में ब्याज दरों को घटाया जाता है तो आरबीआई भी यह फैसला कर सकता है। ऐसे में सारे जोड़-घटाव गुरुवार को आरबीआई गवर्नर के फैसले के बाद साफ हो जाएंगे।
विशेषज्ञ बोले- खुदरा महंगाई 6% से ज्यादा रहने की संभावना
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीआइओ (फिक्स्ड इंकम) दीपक अग्रवाल के अनुसार, दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर में खुदरा महंगाई की दर 6% से कुछ ज्यादा रह सकती है। यह टमाटर और दूसरी सब्जियों की कीमतों में तेजी आने के कारण होगा। आरबीआई ने उम्मीद जताई थी कि इस अवधि में महंगाई की दर 5.2 फीसद रहेगी, लेकिन कीमतों में यह वृद्धि अस्थाई है। ऐसे में बढ़ोतरी से इंकार नहीं किया जा सकता है।
अनुमान : रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का हो सकता है फैसला
महंगाई की दर इस वित्त वर्ष की शेष अवधि में 5.1 फीसद रहने के आसार हैं। इससे आरबीआई को राहत को मिलेगी और उम्मीद है कि रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा। एमपीसी की पिछली बैठक जून, 2023 में हुई थी। इसमें सभी छह सदस्य डॉ. शशिकांत भिडे. डॉ. आशिमा गोयल, प्रो. जे आर वर्मा, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. माइकल पात्रा और गवर्नर दास ने रेपो रेट को 6.5 फीसद पर बनाये रखने का फैसला किया था। ऐसे में इसे यथा स्थिति में रखने का निर्णय लिया जा सकता है।