BHOPAL. मध्य प्रदेश में मानसून की आमद अब और देर से होगी, इसके कारण लोगों को गर्मी की मार कम से कम तीन सप्ताह सहनी होगी। भारतीय मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक पहले मॉनसून की एंट्री 18 से 20 जून के बीच होनी थी। लेकिन यह अब टल कर 24-25 जून हो गई है। इसका कारण केरल में ही मॉनसून का लेट पहुंचना बताया जा रहा है। केरल में मॉनसून की सामान्य एंट्री 29 मई से 31 मई के बीच हो जाती है। लेकिन, इस साल यह एंट्री 8 जून को हो सकती है।
ठीक नहीं रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान गर्मी तो पड़ती ही रहेगी, लेकिन आंधी-बारिश और ओले पड़े की भी आशंका है। मध्य प्रदेश में मॉनसून की एंट्री खंडवा, खरगोन के रास्ते हो सकती है। खास बात यह है कि पिछले साल भी मॉनसून यहीं से आया था।
5 साल पहले लेट हुआ था मानसून
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2018 में 26 जून को मॉनसून मध्यप्रदेश में पहुंचा था। इस साल मॉनसून लेट होता है तो पांच साल बाद मानसून 25 जून तक प्रदेश में पहुंचेगा।
पिछले साल बना था बारिश का रिकॉड
पिछले साल 16 जून को मॉनसून मध्य प्रदेश में आ गया था। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 14 अक्टूबर तक मॉनसून बारिश हुई थी। इस दौरान भोपाल में बारिश का नया रिकॉर्ड बना गया था।
छत्तीसगढ़ में भी 4-5 दिन लेट होगा मानसून
केरल में लेट आने वाला मॉनसून छत्तीसगढ़ में भी लेट होगा। इस दौरान गर्मी के साथ-साथ आंधी आने की भी संभावना बनी रहेगी। छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने आंधी और बारिश की चेतावनी जारी की है। इसका असर मंगलवार को पूरे छत्तीसगढ़ में रहेगा। मौसम खराब होने का कारण बिहार से तमिलनाडु तक एक द्रोणिका (टर्फ लाइन) बनी होना है। इसके कारण तेज आंधी और बारिश की स्थिति बन सकती है। प्रदेश के कुछ स्थानों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है।