NEW DELHI. रमजान के पाक माह में अल्लाह की इबादत के बाद 22 अप्रैल, शनिवार को ईद-उल-फितर का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। ईदगाह में ईद की नमाज अदा की जाएगी, जिसकी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। वहीं पुलिस और प्रशासन आमजनों से लगाताद धार्मिक सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रहा है। 21 अप्रैल, शुक्रवार को रांची, गुवाहाटी, हैदराबाद, लखनऊ में चांद नजर आया है। लखनऊ से शिया चांद कमेटी ने चांद के दिखने का एलान किया है। भारत में माह- ए-रमजान में आखिरी जुमे को अलविदा नमाज पढ़ी गई। इसी के साथ इबादत और पाकीजगी वाले रमजान के 29 रोजे पूरे हुए।
हिजरी कैलेंडर के कारण बदलती है ईद की तारीख
बता दें कि मुसलमानों का यह त्योहार भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग शांति और सुख-समृद्धि के लिए दुआएं मांगते हैं। दुनिया भर में ईद के इस त्योहार को हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है। ईद की तारीख हिजरी कैलेंडर के कारण साल-दर-साल बदलती रहती है। यह कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है। इसमें चांद की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार दिनों की गिनती की जाती है।
ईद पर बनते हैं कई तरह के पकवान
ईद-उल-फितर रमजान के रोजा की समाप्ति पर सुबह से शाम तक मनाया जाता है। दुनिया भर के मुसलमान उत्साह के साथ त्योहार मनाते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और सबसे पहले नमाज पढ़ने मस्जिद में जाते हैं। घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं। इसमें बिरयानी, कबाब और मीठी सेवई का विशेष महत्व होता है। साथ ही इस दिन घर से बड़े सदस्यों की ओर से छोटों को उपहार भी दिए जाते हैं, जिसे ईदी कहा जाता है।
ईद के पहले उमड़ी बाजारों में भीड़
रोजेदारों की इबादत के बाद ईद का दिन मुबारक होता है। इसकी तैयारी में लोग उत्साह से लबरेज रहते हैं। इसका सुबूत 21 अप्रैल, शुक्रवार को देश के सभी राज्यों के बाजारों में देखने को मिला। ईद की खरीदारी में लोगों ने तपती गर्मी की परवाह की और न ही सर्द मौसम की। यूपी से लेकर कश्मीर तक सब लोग ईद मनाने के जोश से भरे रहे है। सेवइयां की दुकानें हो, चूड़ी की दुकान हो, फल की दुकानें हो या फिर कपड़ों की हर तरफ लोगों की भीड़ रही।