KANPUR DEHAT. कानपुर देहात में प्रशासन के अफसरों का अमानवीय चेहरा सामने आया है। मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में पुलिस-प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। झोपड़ी पर बुलडोजर चलाते वक्त उसमें आग लग गई और अंदर फंसी मां-बेटी की जलकर मौत हो गई। झोपड़ी के मालिक और रुरा इंस्पेक्टर ने ही मां-बेटी को बचाने की कोशिश की जिसमें वे आग से झुलस गए, बाकी पूरी टीम और अधिकारी तमाशा देखते रहे।
ग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया आग लगाने का आरोप
झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटी की मौत के बाद परिजन और ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन की टीम पर झोपड़ी में आग लगाने का आरोप लगाया। लोगों ने लेखापाल पर कुल्हाड़ी से हमला करके घायल कर दिया। लेखापाल की गाड़ी को भी पलट दिया। भीड़ को देखकर अफसरों को भागना पड़ा।
लोगों ने की अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग
घटना के बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार और लेखापाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की। लोगों ने मां-बेटी के शवों को उठाने नहीं दिया। देर रात तक मंडल आयुक्त, आईजी और डीएम ग्रामीणों को समझाते रहे।
जमीन का मामला कोर्ट में इसलिए बनाई थी अस्थाई झोपड़ी
झोपड़ी के मालिक कृष्ण गोपाल दीक्षित का कहना है कि उनकी जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है। रहने के लिए जमीन नहीं थी इसलिए यहां झोपड़ी बनाई थी। 20 फरवरी को मामले में सुनवाई होनी है। प्रशासन के अधिकारियों ने कृष्ण गोपाल की एक नहीं सुनी। वे गाली-गलौज करने लगे। झोपड़ी पर बुलडोजर चलाने का आदेश दे दिया गया। पत्नी और बेटी अंदर थीं इसके बाद भी झोपड़ी पर बुलडोजर चला दिया।
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15 जनवरी को तोड़ा था पक्का मकान
कृष्ण गोपाल दीक्षित ने बताया कि प्रशासन ने 15 जनवरी को उसका पक्का मकान तोड़ दिया था। वो अपने परिवार के साथ जिलाधिकारी नेहा जैन के ऑफिस पहुंच गया था। वहां एएसपी उसे मारने के लिए दौड़े थे और दबाव बनाकर वहां से भगा दिया था। कृष्ण गोपाल का आरोप है कि ये सब डीएम के इशारों पर किया गया है।
पीड़ित कृष्ण गोपाल दीक्षित की मांग
कृष्ण गोपाल दीक्षित ने आरोपियों के खिलाफ धारा-302 के तहत केस दर्ज करने की मांग की है। उसका कहना है कि उसके लड़कों को सरकारी नौकरी दी जाए। 5 बीघा जमीन के पट्टे के साथ 5 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी मांगी है।