Oral Cancer Risk From Mouthwash : दांतो की सफाई, मुंह की बदबू और मुंह को जर्म्स फ्री रखने के लिए अक्सर लोग माउथवॉश का इस्तेमाल करते है। माउथवॉश (Mouthwash) के इस्तेमाल को ट्रेंड भी कहा जा सकता है। टीवी और फेवरेट एक्टर के विज्ञापन से प्रभावित होकर भी कई लोग बिना सोचे समझे उन चीजों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते है। हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया है कि माउथवॉश में कई केमिकल ऐसे है जो हमारी बॉडी के लिए सही नहीं है। इसके इस्तेमाल से जान का खतरा भी हो सकता है। इस खबर में पढ़िए माउथवॉश पर रिसर्च में हुए खुलासे...।
कैंसर के बैक्टीरिया करता है एक्टिव
जर्नल ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी में पब्लिश हुई बेल्जियम की एक नई रिसर्च के अनुसार कैंसर (cancer) एक घातक बीमारी है, जो शरीर में कैंसर सेल्स के बढ़ने से पनप सकती है। इससे कैंसर सेल्स एक्टिव हो सकते हैं।
तीन महीने तक रोजाना माउथवॉश का इस्तेमाल करने वाले इंसान के शरीर में दो बैक्टीरिया फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेट और स्ट्रेप्टोकोकस एंजिनोसस बढ़ जाते हैं। यह दोनों बैक्टीरिया कैंसर से जुड़े हुए होते हैं।
माउथवॉश में अल्कोहल
रिसर्च के अनुसार कुछ माउथवॉश में अल्कोहल की मात्रा पाई जाती है। इसके इस्तेमाल से मुंह की पतली लेयर नष्ट हो जाती है। इससे मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने लगते हैं।
लार का प्रोडक्शन कम
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो लोग माउथवॉश का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते हैं उनका मुंह ड्राई हो जाता है। मुंह में लार का प्रोडक्शन कम हो जाता है।
इतना ही नहीं यह माउथवॉश मुंह की सूजन को भी ट्रिगर कर सकता है। 2009 में एक ऑस्ट्रेलियाई रिसर्च में भी पाया गया है कि माउथवॉश में अल्कोहल की मात्रा कार्सिनोजेन कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है।
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