BHOPAL. रामचरितमानस विवाद पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि सनातनियों को टारगेट करने के लिए कुछ प्लांटेड लोग काम कर रहे हैं। ये सही वक्त है जब सभी सनातनियों को एकजुट होना होगा। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रामचरितमानस की प्रतियों को जलाना घोर निंदनीय है। हिंदुओं को टारगेट करना, हिंदू आस्था को टारगेट करना, सनातनियों को टारगेट करना, ये बहुत बड़ी लॉबी है, जो ये सब कर रही है। ये प्लांटेड लोग हैं, जिन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया है। मुझे खुशी है कि बागेश्वर धाम से ये संदेश गया है कि सनातनियों, हिंदुओ को एकजुट होने की जरूरत है।
धीरेंद्र शास्त्री की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान की सराहना की गई, जिसमें योगी ने सनातन धर्म को ही राष्ट्र धर्म बताया था। धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि हर सनातनी इस समय एकजुट हो रहा है, हिंदू राष्ट्र के लिए काम कर रहा है।
कहां से आया रामचरितमानस पर विवाद?
इस समय रामचरितमानस विवाद गहराता जा रहा है। इसका बड़ा कारण सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य है, जिनके एक बयान ने विवाद को हवा दी थी। बयान के बाद 29 जनवरी को को लखनऊ में ओबीसी महासभा द्वारा रामचरितमानस की प्रतियां जला दी गई थीं। उसमें 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवालिया लहजे में कहा कि किसने कहा है कि रामचरित मानस एक धार्मिक ग्रंथ है? उन्होंने कहा था- गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। अपमान करना किसी धर्म का उद्देश्य नहीं होता। जिन पाखंडियों ने धर्म के नाम पर पिछड़ो, महिलाओं को अपमानित किया, नीच कहा, वो अधर्मी हैं। किसने कहा रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ है? तुलसीदास ने तो नहीं कहा। बाद में मौर्य की बेटी ने कहा कि उनके पिता ने एक चौपाई पर सवाल उठाए थे। स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस वाले बयान को लेकर अयोध्या के संत राजू दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद का जो सिर तन से जुदा करेगा, उसे 21 लाख का इनाम देंगे।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ये बोले थे
सपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश में एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर सवाल उठाए थे। दरअसल, मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से आपत्तिजनक अंशों को बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है। किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास रामचरितमानस की एक चौपाई में शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
धीरेंद्र शास्त्री बोले- सनातनियों को टारगेट करने के लिए कुछ प्लांटेड लोग काम कर रहे, ये बहुत बड़ी लॉबी, हमें एकजुट होने की जरूरत
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BHOPAL. रामचरितमानस विवाद पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि सनातनियों को टारगेट करने के लिए कुछ प्लांटेड लोग काम कर रहे हैं। ये सही वक्त है जब सभी सनातनियों को एकजुट होना होगा। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रामचरितमानस की प्रतियों को जलाना घोर निंदनीय है। हिंदुओं को टारगेट करना, हिंदू आस्था को टारगेट करना, सनातनियों को टारगेट करना, ये बहुत बड़ी लॉबी है, जो ये सब कर रही है। ये प्लांटेड लोग हैं, जिन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया है। मुझे खुशी है कि बागेश्वर धाम से ये संदेश गया है कि सनातनियों, हिंदुओ को एकजुट होने की जरूरत है।
धीरेंद्र शास्त्री की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान की सराहना की गई, जिसमें योगी ने सनातन धर्म को ही राष्ट्र धर्म बताया था। धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि हर सनातनी इस समय एकजुट हो रहा है, हिंदू राष्ट्र के लिए काम कर रहा है।
कहां से आया रामचरितमानस पर विवाद?
इस समय रामचरितमानस विवाद गहराता जा रहा है। इसका बड़ा कारण सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य है, जिनके एक बयान ने विवाद को हवा दी थी। बयान के बाद 29 जनवरी को को लखनऊ में ओबीसी महासभा द्वारा रामचरितमानस की प्रतियां जला दी गई थीं। उसमें 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवालिया लहजे में कहा कि किसने कहा है कि रामचरित मानस एक धार्मिक ग्रंथ है? उन्होंने कहा था- गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। अपमान करना किसी धर्म का उद्देश्य नहीं होता। जिन पाखंडियों ने धर्म के नाम पर पिछड़ो, महिलाओं को अपमानित किया, नीच कहा, वो अधर्मी हैं। किसने कहा रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ है? तुलसीदास ने तो नहीं कहा। बाद में मौर्य की बेटी ने कहा कि उनके पिता ने एक चौपाई पर सवाल उठाए थे। स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस वाले बयान को लेकर अयोध्या के संत राजू दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद का जो सिर तन से जुदा करेगा, उसे 21 लाख का इनाम देंगे।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ये बोले थे
सपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश में एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर सवाल उठाए थे। दरअसल, मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से आपत्तिजनक अंशों को बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है। किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास रामचरितमानस की एक चौपाई में शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।