BHOPAL. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (27 जून) को मध्य प्रदेश के एक दिन के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने एमपी को 2 वंदे भारत ट्रेनों की सौगात दी। आज ही मोदी ने 3 अन्य यानी कुल 5 वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद मोदी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में मेरा बूथ, सबसे मजबूत अभियान में शामिल हुए। यहां उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। 23 जून को पटना में 15 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि इन पार्टियों के लिए पटना से अच्छी जगह और हो भी क्या सकती है।
मोदी के भाषण की अहम बातें
विपक्षी दलों की इतनी छटपटाहट कभी नहीं दिखी
आजकल बार-बार एक शब्द आता है- गारंटी। ये सारे विपक्षी दल... ये लोग गारंटी हैं भ्रष्टाचार की, ये गारंटी हैं लाखों-करोड़ रुपयों के घोटालों की। कुछ दिन पहले इनका एक 'फोटो ऑप' कार्यक्रम हुआ... उस फोटो में जो लोग हैं, उन सब का मिल कर टोटल लगाएंगे तो ये सारे मिल कर 20 लाख करोड़ रुपए के घोटाले की गारंटी हैं। कांग्रेस का अकेले ही लाखों करोड़ का घोटाला है। बीजेपी के जो घोर विरोधी दल हैं... 2014 हो या 2019, दोनों ही चुनावों में उतनी छटपटाहट नहीं दिखी, जितनी आज दिख रही है। जिन लोगों को पहले लोग अपना दुश्मन बताते थे, पानी पी-पी कर गाली देते थे, आज उनके सामने साष्टांग होते हैं। उनकी ये बेचैनी दिखलाती है कि देश की जनता ने 2024 के चुनाव में बीजेपी को वापस लाने का मन बना लिया है। 2024 में फिर एक बार बीजेपी की प्रचंड विजय तय है, इसी वजह से तमाम विपक्षी दल बौखलाए हुए हैं।
जिसने देश को लूटा है उसका हिसाब तो होकर रहेगा, जेल दिखी तो जुगलबंदी शुरु हो गई, हर घोटालेबाज पर कार्रवाई की गारंटी, हर चोर लुटेरे पर कार्रवाई की गारंटी, विपक्षी दलों की एकता के पीछे बीस लाख करोड़ के घोटाले की गारंटी, अपराधी जब सजा काटकर गांव में आता है तो लोग पूछते हैं जेल कैसी होती है, कई लोग जो जमानत पर चल रहे हैं, घोटाले के आरोपी हैं, ये लोग उन लोगों से मिल रहे हैं, जो जेल से अनुभव लेकर आए हैं।
वोटबैंक की राजनीति हो रही है
वोटबैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों को तबाह कर दिया है। उनके ही एक वर्ग ने पसमांदा मुसलमानों का शोषण किया है। इस पर कभी चर्चा नहीं हुई। आज भी उन्हें बराबरी का हक नहीं मिलता। उन्हें नीचा और अछूत समझा जाता है। यह सब पिछड़े हैं। इनके साथ इतना भेदभाव हुआ है। हमने सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ इनका भी विकास किया है। भाजपा कार्यकर्ता मुसलमानों के पास जाएं और तर्कों और तथ्यों के साथ उन्हें समझाएं, तब उनका भ्रम दूर होगा। यूनीफॉर्म सिविल कोड को लेकर उन्हें भ्रमित किया जा रहा है। इसे लेकर भी उन्हें हकीकत बतानी होगी।
कौन भड़का रहा है, ये मुसलमानों को समझना होगा
जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं, जो भी इसकी वकालत करते हैं... वो वोट बैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से केवल बेटियों पर अन्याय नहीं होता...पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है तो कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे देशों में क्यों इसको बंद कर दिया।
भारत के मुसलमान भाई बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का कर उनका राजनीतिक फायदा ले रहे हैं। हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर ऐसे लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?
वोट बैंक की भूख के चलते कॉमन सिविल कोड नहीं आ पाया
सुप्रीम कोर्ट ने बार बार कहा है कि 'कॉमन सिविल कोड' लाओ लेकिन ये वोटबैंक के भूखे लोग... वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमंदों मुसलमानों का शोषण किया है, लेकिन उनकी कभी चर्चा नहीं हुई। उन्हें आज भी बराबरी का हक़ नहीं मिलता।
कई दल तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे, ये महाविनाशक
कुछ लोग सिर्फ अपने दल के लिए जीते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का, कमीशन का, मलाई खाने का, कट मनी का हिस्सा मिलता है। उनका रास्ता तुष्टिकरण, वोटबैंक का है। गरीब को गरीब बनाए रखने, वंचित को वंचित बनाए रखने से ही उनकी राजनीति चलती है। तुष्टिकरण का यह रास्ता कुछ दिनों तक फायदा दे सकता है, लेकिन यह देश के लिए महाविनाशक होता है। यह देश के विकास को रोक देता है। देश में तबाही लाता है। भेदभाव पैदा करता है। समाज में दीवार खड़ी करता है। एक तरफ इस तरह के लोग हैं, जो तुष्टिकरण कर अपने स्वार्थ के लिए छोटे-छोटे कुनबे दूसरों के खिलाफ खड़े कर देते हैं। दूसरी तरफ हम भाजपा के लोग हैं। हमारे संस्कार अलग हैं। हमारे संकल्प बड़े हैं। हमारी प्राथमिकता दल से पहले देश की है। हम यह सब मानते हैं कि जब देश का भला होगा तो सबका भला होगा। सबका भला होगा तो देश आगे बढ़ेगा। इस वजह से बीजेपी ने यह तय किया है कि हमें तुष्टिकरण के रास्ते पर नहीं, संतुष्टिकरण के रास्ते पर चलना है।